नयी दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिवाली में भले ही पटाखे न फोड़े जायें, लेकिन देश में त्योहारी सीजन के शुरू होते ही दिवाली के पहले प्याज बम फूटने लगा है. आलम यह है कि महाराष्ट्र के नासिक के लासलगांव स्थित देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी में प्याज की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. यहां के थोक व्यापारियों का कहना है कि दिवाली तक प्याज की कीमतें एेसी ही बढ़ती ही रहेंगी. लासलगांव कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) के थोक प्याज व्यापारियों ने कहा कि मांग और आपूर्ति के बीच बढ़ते अंतर से प्याज के दाम बढ़ रहे हैं. बताया जा रहा है कि नासिक स्थित एपीएमसी में पिछले 10 दिनों में प्याज की कीमत औसतन 80 फीसदी बढ़ गयी है.
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मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, सोमवार को बाजार खुलने पर इसमें 21.33 फीसदीकी वृद्धि दर्ज की गयी. शुक्रवार को प्याज औसतन 2,020 रुपये प्रति क्विंटल था, जो सोमवार को बढ़कर 2,451 रुपये प्रति क्विंटल हो गया. एपीएमसी सूत्रों के मुताबिक, प्याज के थोक मूल्य में बढ़ोतरी का असर कुछ दिनों में खुदरा बिक्री पर भी दिखने लगेगी. नासिक में खुदरा प्याज 30 रुपये प्रति किलो बिकने लगा है और कुछ दिनों में भाव 35 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकता है. हालांकि, देश के दूसरे हिस्सों में प्याज 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकता है.
अग्रेजी के अखबार टाइम्स आॅफ इंडिया के अनुसार, लासलगांव एपीएमसी के चेयरमैन जयदत्त होलकर ने कहा कि आपूर्ति में कमी के कारण देश के दक्षिणी हिस्से से प्याज की मांग बहुत बढ़ गयी है. इससे नासिक में प्याज की थोक कीमतें बढ़ी हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि दिवाली के दौरान लासलगांव समेत प्याज की नीलामी करनेवाली जिले की दूसरी एपीएमसी एक सप्ताह तक बंद रहेंगी. इसलिए थोक व्यापारियों ने प्याज की कीमत बढ़ा दी है.
अखबार के अनुसार, सोमवार को लासलगांव मंडी में करीब 8,000 क्विंटल प्याज की बोली लगी. शुक्रवार को लासलगांव एपीएमसी में 21,000 क्विंटल प्याज की बोली लगी थी. एपीएमसी सूत्र का कहना है कि अभी जो प्याज मार्केट में आ रहा है, उसकी खेती मार्च-अप्रैल में हुई थी. गरमा फसल पांच से छह महीने ही दुरुस्त रह पाता है और किसान बेहतर मूल्य पाने की उम्मीद में प्याज का भंडारण करना पसंद करते हैं. वैसे तो बारिश की वजह से प्याज का 20 फीसदी स्टॉक बर्बाद हो गया, फिर भी किसानों के पास अब भी पर्याप्त मात्रा में प्याज होगा.