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#MeToo : राष्ट्रपति ने अकबर का इस्तीफा स्वीकार किया, मानहानि मामले की सुनवाई गुरुवार को

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर बुधवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद से एमजे अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. राष्ट्रपति भवन ने यह जानकारी दी. राष्ट्रपति भवन से जारी एक बयान में बताया गया, भारत के राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 75 के उपबंध (2) के तहत प्रधानमंत्री […]

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर बुधवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद से एमजे अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. राष्ट्रपति भवन ने यह जानकारी दी. राष्ट्रपति भवन से जारी एक बयान में बताया गया, भारत के राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 75 के उपबंध (2) के तहत प्रधानमंत्री की सलाह पर केंद्रीय मंत्री परिषद से एमजे अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. स्थापित प्रक्रिया के अनुरूप उसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया. अकबर पर अनेक आरोप लगाये गये कि जब वह विभिन्न प्रकाशनों के संपादक के पद पर तैनात थे तो उन्होंने कई महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया था.

अकबर ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि उन्होंने निजी तौर पर अदालत से न्याय लेने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, मैं पद से इस्तीफा देना उचित समझता हूं और मेरे ऊपर लगाये गये गलत आरोपों को मैं निजी तौर पर अदालत में चुनौती दूंगा. इसलिए मैंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है. पिछले कुछ दिनों में अकबर पर करीब 20 महिलाओं ने कथित रूप से यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं.

गाैरतलबहैकि दिल्ली की एक अदालत पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर के आपराधिक मानहानि मामले पर गुरुवार को सुनवाई करेगी. रमानी ने अकबर पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाये हैं. रमानी के खिलाफ अकबर के आपराधिक मानहानि मामले में यहां पटियाला हाउस अदालत में गुरुवार को सुनवाई होगी. लॉ फर्म करंजावाला एंड कंपनी के उनके (अकबर) वकील संदीप कपूर ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष गुरुवार को निजी आपराधिक मानहानि मामले में सुनवाई होगी. वकील ने अकबर के संक्षिप्त इस्तीफा पत्र को भी आगे प्रेषित कर दिया है.

अकबर ने अपने इस्तीफा में कहा, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बेहद आभारी हूं कि उन्होंने मुझे देश की सेवा करने का अवसर दिया. कपूर ने बताया कि क्योंकि मामला विचाराधीन है इसलिए कानून अपना काम करेगा. उन्होंने कहा, हम पहले ही मानहानि मामला दायर कर चुके हैं और हम इसे अब अदालत में देखेंगे. अकबर ने सोमवार को रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था और आरोप लगाया था कि रमानी ने उनके खिलाफ जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से उनकी छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से ये आरोप लगाये हैं.

गौरतलब है कि प्रिया रमानी समेत 20 महिला पत्रकार अकबर के खिलाफ गवाही देने को तैयार हैं. इन 20 महिला पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा, प्रिया रमानी इस लड़ाई में अकेली नहीं हैं. हम मानहानि मुकदमे की सुनवाई कर रही अदालत से अनुरोध करते हैं कि यौन उत्पीड़न से जुड़ी हमारी गवाही भी सुनी जाये. इस संयुक्त बयान पर प्रिया रमानी के अलावा जिन 19 महिला पत्रकारों ने दस्तखत किये हैं उनके नाम हैं मीनल बघेल, मनीषा पांडे, तुशिता पटेल, कनिका गहलोत, सुपर्णा शर्मा, रमोला तलवार, होईन्हू हौजे, आयशा खान, कौशल रानी गुलाब, कनिजा गजारी, मालविका बनर्जी, एटी जयंती, हमीदा पारकर, जोनाली बुरगोहैन, सुजाता दत्त सचदेवा, रश्मि चक्रवर्ती, किरण मनाल, संजरी चटर्जी, क्रिश्चियन फ्रांसिस.

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