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आंकड़े नहीं जुटा सकी भाजपा, येदि का इस्तीफा, कुमारस्वामी को न्योता

कर्नाटक की िसयासत. कांग्रेस और जेडीएस की किलेबंदी में 55 घंटे ही मुख्यमंत्री रह पाये येदियुरप्पा बेंगलुरु/नयी दिल्ली : कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बहुमत साबित करने के नाटकीय घटनाक्रम में भाजपा की हार के बाद अब कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार बनेगी. बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा नहीं जुटा पाने के […]

कर्नाटक की िसयासत. कांग्रेस और जेडीएस की किलेबंदी में 55 घंटे ही मुख्यमंत्री रह पाये येदियुरप्पा

बेंगलुरु/नयी दिल्ली : कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बहुमत साबित करने के नाटकीय घटनाक्रम में भाजपा की हार के बाद अब कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार बनेगी. बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा नहीं जुटा पाने के कारण शनिवार को कर्नाटक के नये मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शपथ लेने के तीसरे ही दिन इस्तीफा दे दिया.
इसके बाद गठबंधन ने एचडी कुमारस्वामी की अगुआई में राज्यपाल से मिल कर सरकार बनाने का दावा पेश किया. कुमारस्वामी 23 मई को दोपहर 12 से एक बजे के बीच मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इससे पहले शनिवार को येदियुरप्पा ने विधानसभा में बहुमत का प्रस्ताव तो पेश किया, लेकिन मत विभाजन का सामना किये बगैर ही पद छोड़ने का एलान कर दिया.
आंकड़े नहीं जुटा सकी…
इस दौरान उन्होंने 20 मिनट तक भावुक मन से भाषण दिया. उन्होंने कहा कि राज्य में जनादेश कांग्रेस-जेडीएस के खिलाफ है. अगले चुनाव का हमें पता नहीं, पर संभव है यह पांच साल से पहले ही हो जाये.
अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मैं विश्वासमत का सामना नहीं करूंगा. इस्तीफा देने राजभवन जा रहा हूं.
येदियुरप्पा के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद ही जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन के सीएम पद के उम्मीदवार एचडी कुमार स्वामी ने राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात की. इसके बाद राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया. कुमारस्वामी ने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का वक्त दिया है, लेकिन हमें इतने दिनों की जरूरत नहीं है.
कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा में 222 सीटों (दो सीटों पर बाद में चुनाव होना है) पर चुनाव हुए थे. भाजपा के पास 104 विधायक हैं, जबकि पोस्ट पोल अलायंस का दावा कर रही कांग्रेस-जेडीएस दो अन्य विधायकों को मिला कर 118 विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है.
मालूम हो कि कर्नाटक का हाई प्रोफाइल मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा. राज्यपाल ने जब सबसे बड़ी पार्टी के रूप में भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था, तब कांग्रेस-जेडीएस शपथ ग्रहण रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. सुप्रीम कोर्ट ने शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से मना कर दिया था, लेकिन बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों की मोहलत को घटा कर येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण करने से 48 घंटे कर दिया था. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी स्पीकर के रूप में भाजपा विधायक की नियुक्ति वाली कांग्रेस की याचिका को खारिज करते हुए शनिवार को आदेश दिया कि बहुमत परीक्षण का सीधा प्रसारण हो. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने खरीद-फरोख्त को रोकने और संविधान की रक्षा करने के लिए न्यायपालिका को धन्यवाद दिया.
येदि का दावा : समय से पहले होंगे चुनाव, मैं फिर से जीत कर आऊंगा
कुमारस्वामी बोले : राज्यपाल का िमला िनमंत्रण, 23 को लेंगे शपथ, शक्ति परीक्षण के िलए 15 िदन
येदियुरप्पा ने कांग्रेस-जेडीएस पर अवसरवादी गठबंधन बनाने व षड्यंत्र कर लोकप्रिय जनादेश को पलटने का आरोप लगाया. दावा किया कि यह जनादेश न तो जेडीएस आैर न ही कांग्रेस को मिला है. राज्य में पांच साल से पहले चुनाव होंगे. वह लौट कर आयेंगे. यदि राज्य के लोगों ने हमें 113 सीटें देकर राज्य में दूसरे अंधड़ के बारे में सोचा होता, तो राज्य की स्थिति भिन्न ही होती, किंतु ईश्वर की कुछ और ही इच्छा है. उन्होंने इस बात को स्वीकारा कि वह विपक्षी विधायकों से पक्ष में मतदान की उम्मीद कर रहे थे.
ये दो नेता बने गेम चेंजर
पूरे घटनाक्रम में जिन दो चेहरों ने भाजपा की सरकार गिराने में सबसे महत्वपूर्ण रोल अदा किया, उनमें एक तो खुद जेडीएस नेता कुमार स्वामी हैं. दूसरे डीके शिव कुमार हैं. कुमार स्वामी ने स्पष्ट लहजे में कहा था कि भाजपा द्वारा विधायकों में सेंधमारी करने की हालत में ‘काउंटर ऑपरेशन’ चलाया जायेगा. वहीं कांग्रेस को टूटने से रोकने में डीके शिव कुमार का सबसे अहम रोल रहा. गुजरात रास चुनाव में कांग्रेस के संकटमोचक शिव कुमार ही थे.
भाजपा को हराने के िलए एक मंच पर आयेंगे सभी विपक्षी दल : राहुल
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि आखिर में भारत की आवाज और लोकतांत्रिक भावना ही हमेशा अत्याचार पर जीत हासिल करती है. भाजपा को पराजित करने लिए हम सभी विपक्षी दलों के साथ मिल कर काम करेंगे. सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि भाजपा-आरएसएस हर संस्था पर आक्रमण कर रहे हैं. पीएम मोदी व भाजपा अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. सबने देखा विधायकों को खरीदने की कोशिश की गयी.
मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ सोनिया का यह फैसला
कर्नाटक विस चुनाव में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी खुद कांग्रेस का मोर्चा संभालने उतरीं. चुनाव परिणाम से पहले ही गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत को मैदान में उतार दिया. परिणाम को भांपते हुए सोनिया के निर्देश पर दोनों नेताओं ने जेडीएस नेतृत्व से सरकार बनाने पर बात की और परिणाम सामने है.

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