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सुप्रीम कोर्ट ने दी अनुमति, सेबी बेचेगी सहारा समूह की 40,000 करोड़ की संपत्ति

नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज सहारा ग्रुप की 40 हजार करोड़ रुपये की 86 संपत्तियों की ब्रिकी की बाजार नियामक संस्था सेबी को अनुमति दे दी. इस बिक्री से जुटाये गये धन से जेल में बंदसहाराग्रुप के मालिक सुब्रत राय सहारा के लिए जमानत राशि जुटायी जायेगी. सहारा ग्रुपकेमालिक सुब्रतरायफिलहालतिहाड़जेल में बंद हैं. सुप्रीम […]

नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज सहारा ग्रुप की 40 हजार करोड़ रुपये की 86 संपत्तियों की ब्रिकी की बाजार नियामक संस्था सेबी को अनुमति दे दी. इस बिक्री से जुटाये गये धन से जेल में बंदसहाराग्रुप के मालिक सुब्रत राय सहारा के लिए जमानत राशि जुटायी जायेगी. सहारा ग्रुपकेमालिक सुब्रतरायफिलहालतिहाड़जेल में बंद हैं. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई अब 27 अप्रैल को होगी.

चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अगुवाई में तीन जजों के बेंच ने यह फैसला सुनाया है. हालांकि इस संपत्ति में सहारा समूह के अंबे वैली सिटी की संपत्ति नहीं है. सेबी अगले सप्ताह से सहारा की संपत्ति की बिक्री शुरू कर सकती है.सुब्रत राय सहारा पिछले दो सालों से जेल में बंद है. उन्हें बाहर निकलने के लिए 5000 करोड़ कैश और 5000 करोड़ की बैंक गारंटी की जरूरत थी. हालांकि उच्चतम न्यायालय ने कहा कि यदि सेबी संपत्ति की बिक्री संबंधित क्षेत्र की सर्किल दर के 90 प्रतिशत से कम दर पर करना चाहता है तो उसे इसकी अनुमति लेनी होगी.

क्या है मामला ?

सेबी और सहारा समूह के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है. सुब्रत राय सहारा फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं. उनपर निवेशकों के कई हजार करोड रुपये के भुगतान नहीं करने का आरोप है.सहारा समूह का हालांकि दावा है कि उसने निवेशकों का 93 प्रतिशत धन का भुगतान कर दिया है. प्रवर्तन निदेशालय अब मामले में यह जांच कर रहा है कि कहीं धन की लांड्रिग अवैध परिसंपत्ति सृजित करने के लिए तो नहीं की गयी.
सेबी का क्या है आरोप?
सेबी का आरोप है कि सहारा ने अपने निवेशकों का पैसा नहीं लौटाया है. सेबी ने कड़ी कार्रवाई करते हुए सहारा समूह के म्यूचुअल फंड का कारोबार करने वाली कंपनी का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था. सेबी के मुताबिक, सहारा एमएफ कारोबार के लिए फिट नहीं हैं. पिछले चार वर्षो से सहारा और सेबी के बीच विवाद चल रहा है.

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