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चमकेगी त्वचा अरोमैटिक एसेंशियल ऑयल से

इस विंटर सीज़न में अपनी खूबसूरती को बनाये रखने और कोमल एवं खिली-खिली त्वचा पाने के लिए आप सबसे प्राकृतिक और प्राचीन अरोमाथैरेपी थैरेपी का प्रयोग कर सकती हैं. जानिए एसेंशियल ऑयल की खासियत. कैसे बनते हैं एसेंशियल ऑयल : अरोमैटिक एसेंशियल ऑयल भाप और पानी के इस्तेमाल से पेड़-पौधों की जड़ों, तने, फूल और […]

इस विंटर सीज़न में अपनी खूबसूरती को बनाये रखने और कोमल एवं खिली-खिली त्वचा पाने के लिए आप सबसे प्राकृतिक और प्राचीन अरोमाथैरेपी थैरेपी का प्रयोग कर सकती हैं. जानिए एसेंशियल ऑयल की खासियत.
कैसे बनते हैं एसेंशियल ऑयल : अरोमैटिक एसेंशियल ऑयल भाप और पानी के इस्तेमाल से पेड़-पौधों की जड़ों, तने, फूल और पत्तियों से निकाले जाने वाले अर्क होते है. ये कंप्लीट ऑयल न होकर पौधों के वाष्प्शील और एरोमेटिक अवयव होते हैं.
एसेंशियल ऑयल का असर : एसेंशियल ऑयल में खूशबूदार होने के साथ ही चिकित्सकीय गुणों से भरपूर होते है. ये सौन्दर्य, स्वास्थ्य एवं तनाव से जुड़ी कई समस्याओं में राहत देता हैं. बेहद हार्ड नेचर का होने के कारण इन्हें किसी अन्य तेल, मिनरल वॉटर या रोज वॉटर में मिला कर ही अप्लाइ करना चाहिए.
देता है त्वचा को नूर : एसेन्शियल ऑयल में शामिल यूकेलिप्टस, नीम, लौंग, चाय की ताजी पत्तियों, चंदन आदि का इस्तेमाल कील-मुहांसों के लिए किया जाता है, जबकि रोजमेरी, ब्राह्मी, नीम और कैलेन्डुला का इस्तेमाल हेयर प्रॉब्लम के लिए किया जाता है. इन ऑयल्स में एंटी-एजिंग गुण भी होते हैं. यह त्वचा में रक्त प्रवाह बढ़ा कर चेहरे पर निखार लाते हैं.

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