बीजेपी में शामिल होंगे मेट्रो मैन ई श्रीधरन
केरल में बीजेपी को मिलेगा फायदा
श्रीधरन को देश में विकास के प्रतीक के रूप में जाना जाता है
देश के जाने माने सिविल इंजीनियर ई श्रीधरन जल्द बीजेपी में शामिल होने वाले हैं. केरल में ई श्रीधरन की बीजेपी में एंट्री होने से पार्टी को राज्य में काफी फायदा होने की उम्मीद है. मेट्रो मैन के नाम से मशहूर श्रीधरन केरल में भाजपा प्रमुख सुरेंद्रन की अगुवाई में 21 फरवरी से केरल में होने वाली विजय यात्रा के दौरान औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल होंगे. श्रीधरन को बीजेपी ने केरल में विधानसभा चुनाव लड़ने का अनुरोध भी किया है. पद्म श्री और पद्म विभूषण से सम्मानित ‘मेट्रो मैन’ श्रीधरन को देश में विकास के प्रतीक के रूप में जाना जाता है.
ई श्रीधरन का जन्म 12 जून 1932 को केरल के पलक्काड़ में हुआ था. भारत के एक प्रख्यात सिविल इंजीनियर हैं। वे 1995 से 2012 तक दिल्ली मेट्रो के निदेशक रहे. उन्हें भारत के 'मेट्रो मैन' के रूप में भी जाना जाता है. कोंकण रेलवे में उनका योगदान सराहनीय है. उन्हें भारत के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में एक नया बदलाव लाने के लिए भी जाना जाता है.
ई श्रीधरन को उनके कार्य के लिए साल 2001 में उन्हें पद्म श्री और 2008 में पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया. फ्रांस सरकार ने विकास में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें साल 2005 में Chavalier de la Legion d’honneur अवार्ड से नवाजा. फ्रांस की मिलिट्री और सिविल सेवा के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वश्रेष्ठ पुरूष्कार है. इतना ही नहं अमेरिका की विश्व प्रसिद्ध पत्रिका टाइम मैग़्ज़ीन ने इन्हें ‘एशिया का हीरो’ की संज्ञा दी है. भारत ही नहीं विश्व में ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बेहतर बनाने के किए ई श्रीधरन UNO में भी अपनी सेवा दे चुके हैं. साल 2013 में उन्हें जापान का राष्ट्रीय सम्मान ऑर्डर ऑफ द राइजिंग सन, गोल्ड एंड सिल्वर स्टार से सम्मानित किया गया.
ई श्रीधरन ने बेहद की कम समय में दिल्ली मेट्रो के निर्माण कार्य का पूरी कुशलता के साथ पूरा किया था. उनके कार्यशैली की सबसे बड़ी खासियत है एक निश्चित योजना के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर काम को पूरा कर दिखाते हैं. वर्ष 1963 में रामेश्वरम और तमिलनाडु को आपस में जोड़ने वाला पम्बन पुल टूट गया था. रेलवे ने उसके पुननिर्माण के लिए छह महीन का लक्ष्य तय किया, लेकिन उस क्षेत्र के इंजार्च ने यह अवधि तीन महीने कर दी और जिम्मेदारी श्रीधरन को सौंपी गई. इसके बाद श्रीधरन ने मात्र 45 दिनों के इस काम को पूरा कर दिया था. कोलकाता मेट्रो रेल सेवा श्रीधरन की ही देन है.
Posted By: Pawan Singh