Kisan Andolan, Farmers Protest LIVE Updates: सरकार के साथ किसानों की 10वें दौर की वार्ता विफल रही है. किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े रहे. अब अगले दौर की वार्ता 22 जनवरी को होगी. मालूम हो पिछले डेढ़ महीने से हजारों किसान दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर जमे हुए हैं. किसान आंदोलन से जुड़ी हर खबर के लिए बने रहे prabhatkhabar.com के साथ...
सरकार के साथ किसानों की 10वें दौर की वार्ता भी विफल रही. घंटों चली बैठक में किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे, हालांकि सरकार की ओर से आंदोलन समाप्त करने के लिए कई प्रस्ताव दिये गये, लेकिन किसान नेता उसपर राजी नहीं हुए. अब दोनों के बीच 11वें दौर की वार्ता 22 जनवरी को होगी.
सरकार के साथ किसानों की 10वें दौर की वार्ता अभी जारी है. इस बीच खबर आ रही है कि सरकार ने किसानों को कृषि कानूनों पर अस्थायी रोक का प्रस्ताव दिया, जिसे किसान नेताओं ने खारिज कर दिया. सरकार ने किसान नेताओं के सामने 1 साल के लिए कानून को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा था.
सरकार के साथ 10वें दौर की वार्ता के दौरान किसानों ने कृषि कानूनों के अलावा एमएसपी पर भी चर्चा की. वहीं किसानों ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा, प्रदर्शनकारियों पर NIA निशाना बना रही है. इस पर सरकार ने किसानों से निर्दोष लोगों की लिस्ट देने को कहा है.
10वें दौर की वार्ता में भी किसान और सरकार के बीच बात बनती नजर नहीं आ रही है. किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं, तो सरकार ने साफ कर दिया है कि कानून किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाएगा. हालांकि आज की बैठक में भी सरकार ने कह दिया है कि कृषि कानूनों पर संशोधन किया जा सकता है.
सरकार और किसानों के बीच 10वें दौर की वार्ता जारी है. बैठक में MSP पर बातचीत हुई. इससे पहले किसान नेताओं ने NIA का मुद्दा उठाया. इसके अलावा किसानों ने शिमला में गिरफ्तार किये गये किसानों का मुद्दा भी उठाया. किसानों को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आश्वासन दिया है कि किसी निर्दोष के साथ गलत नहीं होगा.
केंद्र सरकार के साथ होने वाली 10वें दौर की वार्ता के लिए किसान नेता विज्ञान भवन पहुंचे. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने बताया,"हम बैठक और आंदोलन भी करेंगे. किसान यहां से वापस नहीं जाएगा. MSP पर कानून, 3 कानूनों की वापसी और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू नहीं करेंगे."
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 56वें दिन भी जारी है. किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष ने बताया,"आज की बैठक से भी उम्मीद नहीं है. इसका नतीजा पहली बैठक जैसा ही रहेगा क्योंकि सरकार का कानूनों को रद्द करने और MSP पर कानून बनाने का मन नहीं है."वहीं, टिकरी बॉर्डर पर एक किसान ने जहर खा लिया है, जिसे संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन किसान की मौत हो गई.
सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गुरु गोविंद सिंह के 'प्रकाश पर्व' पर अरदास की. एक प्रदर्शनकारी ने बताया, "गुरु गोविंद सिंह हमारे 10वें गुरु हैं. उन्होंने सिख पंथ की नीव रखी थी. उनकी कुर्बानी बहुत बड़ी है. आज हमारी खुशी का ठिकाना नहीं है."
कृषि कानूनों पर गतिरोध दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति की मंगलवार को पहली बैठक हुई. बैठक के बाद कमेटी के सदस्य अनिल घनवट ने बताया कि किसानों के साथ पहली बैठक गुरुवार को होनी है. उन्होंने कृषि कानूनों के विरोधियों से अपील की, ‘आप हमारे पास बातचीत के लिए आइए. हम आपको सुनेंगे और आपकी राय अदालत के समक्ष रखेंगे.'
किसानों की 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड को लेकर मंगलवार को दिल्ली पुलिस और किसान नेताओं के बीच सिंघू बॉर्डर पर बातचीत हुई. लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका. आज फिर इसे लेकर बैठक होगी. पुलिस ने दिल्ली से बाहर परेड निकालने को कहा, जबकि किसान नेताओं ने कहा कि परेड दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर निकालने की योजना है. पुलिस ने कहा कि इससे परेशानी हो सकती है.
किसानों के आंदोलन का आज 56वां दिन है. बीते 55 दिन से कड़ाके की ठंड में किसान लगातार दिल्ली के बर्डर पर डटे हुए है. कई दौर की बैठक के बाद भी किसानों और सरकार के बीच बात नहीं बनी. ऐसे में,आज एक बार फिर किसान संगठन और सरकार एक मेज पर आमने-सामने होंगे. आज दोपहर दो बजे 10वें दौर की बैठक होनी है. इस बैठक से पहले ट्रैक्टर परेड रोकने की दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई होनी है.