।।राजेंद्र कुमार।।
लखनऊ : सूबे की सपा सरकार ने रविवार को अप्रत्याशित निर्णय लेते हुए लखनऊ, फैजाबाद और वाराणसी कचहरियों में हुए सीरियल ब्लास्ट के संदिग्ध आरोपी एवं हरकत-उल-जेहाद-अल इस्लामी (हूजी) के सदस्य खालिद मुजाहिद के परिजनों को छह लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने का ऐलान किया है.
खालिद की हाल ही में फैजाबाद की अदालत से जेल लाते समय संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी. खालिद के परिजनों को आर्थिक सहायता देने को लेकर यह दलील दी है कि राज्य सरकार किसी भी व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं होने देगी. सरकार के इस तर्क पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. कांग्रेस और भाजपा ने कहा कि मुस्लिमों को रिझाने के लिए ही सरकार ने यह निर्णय लिया है.
गौरतलब है कि खालिद की मृत्यु के तत्काल बाद प्रदेश सरकार ने केंद्र से इस पूरे मामले की गहन जांच सीबीआई से कराने का अनुरोध किया था. सीबीआई ने अभी इस मामले की जांच शुरू नहीं की है. इस बीच सरकार ने यह निर्णय ले लिया. जिसकी जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने यहां कहा कि जांच एजेंसी अपना काम करेगी और सरकार अपनी जिम्मेदारी निभा रही है. राज्य सरकार किसी भी व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं होने देगी और जल्दी ही इस प्रकरण की सच्चाई विभिन्न जांचों से शीघ्र सामने आ जाएगी.
सरकारी प्रवक्ता का कहना था कि खालिद मुजाहिद के परिवार की मांग पर प्रकरण की विवेचना सीबीआई को पहले ही संर्दिभत की जा चुकी है. इसके अलावा इस मामले की न्यायिक जांच जनपद फैजाबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा भी की जा रही है. मुख्यमंत्री द्वारा खालिद मुजाहिद की मृत्यु की जांच एक उच्चस्तरीय समिति से कराने के आदेश घटना के दिन ही दिए गए थे.
मुख्यमंत्री के आदेश के क्रम में प्रकरण की जांच संयुक्त रूप से गृह सचिव राकेश एवं अपर पुलिस महानिदेशक पावर कार्पोरेशन जावेद अख्तर कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि खालिद के परिजनों को आर्थिक मदद उपलब्ध कराने के लिए छह लाख रुपये की सहायता राज्य सरकार की तरफ से उनके आश्रितों को स्वीकृत की गयी है.
खालिद मुजाहिद के परिजनों को छह लाख दिए जाने से पहले प्रतापगढ़ के कुंडा में सीओ जियाउल हक की मौत के जि मेदार मारे गए हिस्ट्रीशीटर नन्हे और सुरेश यादव के परिजनों को भी सरकार की ओर से 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी थी. सरकार के इन दोनों फैसलों की आलोचना करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता अमरनाथ ने कहा कि सरकार का यह निर्णय ठीक नहीं हैं. सरकार के इस फैसले से यूपी देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जहां हिस्ट्रीशीटरों और आतंकवादियों के मरने या मार गिराये जाने पर उनके परिवारों की आर्थिक सहायता दी जा रही है.
निर्दोष मुस्लिम युवाओं के नाम पर आतंकियों को जेल से रिहा करने के मिशन में जुटी प्रदेश की सपा सरकार मुस्लिम वोटबैंक को साधने के लिए ही ऐसे फैसले ले रही है. जिसका असर समाज पर पड़ेगा. भाजपा के प्रवक्ता विजय पाठक का भी कुछ ऐसा ही कहना है. उनके अनुसार मुस्लिम वोटबैंक को साधने के लिए ही अखिलेश सरकार ने संदिग्ध आतंकी को आर्थिक सहायता देने का कदम उठाया है. सरकार के ऐसे निर्णय से देश में आतंकियों के खिलाफ चला चलाये जा रहे अभियान पर असर पड़ेगा.