नयी दिल्ली : गुजरात औद्योगिक तौर पर समृद्ध माना जाता है, लेकिन सबसे कम टीकाकृत बच्चे वहीं है. यह देश का चौथा सबसे अमीर राज्य है, लेकिन यहां की टीकाकरण दर बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से भी कम है. गुजरात में टीकाकृत बच्चों की दर सिर्फ 50.4 फीसदी है, जबकि राष्ट्रीय औसत 62 फीसदी है. गुजरात में एक दशक में टीकाकरण की दर में 11.5 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है,फिर भी यह राष्ट्रीय औसत से 11.6 फीसदी पीछे है. यह नतीजा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के 1991 से 2015-16 के आंकड़ों का विश्लेषण कर इंडिया स्पेंड ने निकाला है.
इंडिया स्पेंड के अनुसार गुजरात में 2005 में टीकाकरण की दर 45.2 फीसदी थी, जो उस समय के राष्ट्रीय औसत 43.6 फीसदी से बेहतर थी. हाल तक बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, अरूणाचल प्रदेश, नागालैंड और असम टीकाकरण के मामले में काफी पीछे थे, लेकिन अब वे गुजरात से आगे हैं.
भारत में हर साल पांच लाख बच्चे टीकाकरण के अभाव में विभिन्न रोगों के कारण दो साल की उम्र में ही मर जाते हैं. पिछले दस साल में भारत में टीकाकरण दर में 40 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी. 2005 में यह दर 43.5 फीसदी थी, जो अब बढ़ कर 62 फीसदी हो गयी है. टीकाकरण में इस बढ़ोत्तरी की वजह उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और राजस्थान हैं. यहां पिछले दस साल में इसमें 97 फीसदी की वृद्धि हुई है. पंजाब, गोवा और पश्चिम बंगाल में पिछले 12-23 महीने के बच्चों के बीच सर्वाधिक टीकाकरण हुआ है.
दिसंबर 2014 में सालाना पांच फीसदी टीकाकरण दर बढ़ाने के लिए मिशन इंद्रधनुष शुरू किया गया. इस योजना का लक्ष्य 2020 तक 90 फीसदी बच्चों को टीकाकृत करने का है. पहले चरण के तहत सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर 201 जिलों का चयन किया. इसमें बिहार के 14, मध्य प्रदेश के 15, राजस्थान के नौ, उत्तर प्रदेश के 44 जिले शामिल है. इन राज्यों में टीकाकरण की दर बढ़ने में मदद मिली है.
* दस साल में 40 फीसदी बढ़ोत्तरी
राज्य 2005 2015
उत्तर प्रदेश 23% 51.1%
राजस्थान 26.5% 54.8%
बिहार 32.8% 61.7%
झारखंड 34.8 % 61.9%
(इनपुट : इंडिया स्पेंड)