नयी दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव पाकिस्तान में किस जगह पर हैं और किस हाल में हैं, इस बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है. सरकार उन्हें वापस लाने के हरसंभव प्रयास कर रही है. हम उन कदमों को सार्वजनिक नहीं कर सकते, जो हम उठायेंगे.
मंत्रालय के अनुसार, हम इस अति महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपने उच्चायोग के माध्यम से पाक के साथ संपर्क में हैं. पाक की एक सैन्य अदालत ने कथित जासूसी के आरोप में जाधव को मौत की सजा सुनायी थी. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है.
भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि इसका असर दोनों देशों के संबंधों पर पड़ सकता है तथा सरकार उन्हें बचाने के लिए अपनी हदों से आगे जाकर प्रयास करेगी. इस बीच, रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने कहा कि हमने पाकिस्तान के अधिकारियों को एक कड़ा संदेश दिया है कि जिस तरह सैन्य अदालत ने फैसला सुनाया, वह पारदर्शी नहीं है. हम सबूतों की निरंतर मांग कर रहे हैं. यदि पाक जाधव के खिलाफ मृत्युदंड पर अमल करता है, तो इसे एक भारतीय नागरिक की हत्या माना जायेगा.
भारत से नहीं होगा कोई समझौता : पाक
पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनायी गयी मौत की सजा के मामले पर कोई ‘समझौता’ नहीं करने का फैसला किया है. इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स ने एक बयान में कहा कि सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कोर कमांडरों की बैठक में यह फैसला किया गया. बयान के अनुसार, वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को जाधव के बारे में जानकारी दी गयी और यह फैसला किया गया कि इस तरह की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर कोई समझौता नहीं होगा.
हम टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं : यूएन
संयुक्त राष्ट्र ने जाधव के मुद्दे पर टिप्पणी करने से परहेज किया है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेज के प्रवक्ता ने जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत की ओर से सुनायी गयी मौत की सजा पर कहा कि इस मामले विशेष में हम प्रक्रिया पर निर्णय लेने या इस पर कोई रुख अख्तियार करने की स्थिति में नहीं हैं.