सोलन: महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के बढ़ते मामलों से चिंतित राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को राह दिखाना चाहिए क्योंकि युवाओं के मन में मूल्य डालने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है.
उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं महिलाओं की सुरक्षा के लिए कारगर कदम उठाने की मांग करते हैं. उन्होंने कहा कि हालिया घटनाएं अविलंब आत्ममंथन पर जोर देती हैं और हमारे समाज में मूल्यों के हो रहे क्षरण को रोकने के लिए समाधान ढूंढने की आवश्यकता है.हिमाचल प्रदेश के सोलन में कलूझांडा में महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘स्कूली स्तर से ही हमारे शैक्षणिक संस्थानों को हमारे समय की नैतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए राह दिखाना चाहिए और मातृभूमि के लिए प्रेम, कर्तव्य निर्वहन और सबके लिए करुणा के सभ्यतागत मूल्यों को डालने को सुनिश्चित करना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें इस बात को भी सुनिश्चित करना चाहिए कि विविधता के लिए सहिष्णुता, महिलाओं और वृद्धों के लिए सम्मान, जीवन में सच्चाई और ईमानदारी, आचरण में अनुशासन और आत्मसंयम और कार्रवाई में जिम्मेदारी युवा मस्तिष्क में डाली जानी चाहिए.’’