तिरुवनंतपुरम : भारत में पहली बार एक ऐसी मैटरीमोनियल साइट शुरु की जा रही है, जो कैंसर से जिंदगी की जंग जीतने वाले लोगों को उनके जीवन साथी ढूंढने में मदद करेगी. कैंसर से उबरने वाले इन लोगों की जिंदगी में धीरज और उम्मीद जगाने का यह प्रयास केरल का युवा आंदोलन संगठन कर रहा है.
सूत्रों ने दावा किया कि पथ्थनमथिट्टा जिले के कुंबानाड में सेंट मेरी ऑर्थोडॉक्स पारिश चर्च के तहत सेंट जॉर्ज ऑर्थोडॉक्स यूथ मूवमेंट का यह प्रयास इस देश में अपनी तरह का पहला प्रयास है.
उन्होंने कहा कि कैंसर से जीतने वालों के बीच योग्य वर और वधू ढूंढने में मदद करने वाली वेबसाइट- डब्ल्यूडब्ल्यूडब्लयू.इनसाइटमैटरीमोनी.कॉम 9 मार्च को शुरु की जाएगी.
युवा आंदोलन के एक सदस्य ने कहा कि यह पोर्टल इस बीमारी से पीड़ित रह चुके लोगों को वापस समाज की मुख्यधारा में लाने और एक सामान्य जीवन जीने में उनकी मदद करने की कोशिश है.
नितिन चाको थॉमस ने बताया, ‘‘हमारे समाज में कैंसर के मरीजों से दूरी बनाकर रखने का चलन है. अगर वे इलाज के बाद सामान्य जीवन जीना शुरु भी कर देते हैं तो भी उन्हें मरीज के तौर पर देखा जाता है न कि सामान्य इंसानों की तरह.’’उन्होंने कहा, ‘‘यह रवैया उन्हें शादी करने और फिर एक सामान्य जीवन जीने के अवसर देने से भी इनकार कर देता है. बीमारी से उबर चुके मरीज, अपने पारिवारिक और आर्थिक पृष्ठभूमि से परे, इस समस्या से जूझते हैं.’’
थॉमस ने कहा, ‘‘ऐसे लोगों के साथ विवाह बंधन में बंधने से रोकने वाली मुख्य चीज इस बीमारी के दोबारा हो जाने का डर है. अगर दोनों ही लोग इस बीमारी का दर्द जानते होंगे तो वे एक दूसरे को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे और श्रेष्ठ साथी बन सकेंगे.’’इस बीमारी से उबर चुका कोई भी व्यक्ति, जिसकी उम्र 20 से 35 साल के बीच है, वह इस पोर्टल पर मुफ्त में पंजीकरण करवा सकता है.
40 सदस्यीय यह संस्था अब तक इस वेबसाइट को बनाने में एक लाख रुपए खर्च चुकी है. इसके अलावा यह संगठन इनके ‘कैंसर उपचार अभियान’ के तहत अन्य कार्यक्रमों के आयोजन की भी योजना बना रहा है.