नयी दिल्ली : दुनिया भर में विख्यात अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह का प्रबंधन संभालने वाली एक सरकारी कमेटी ने दरगाह के परिसर के कायापलट की एक व्यापक योजना पेश की है जिसमें बुनियादी ढांचे के विकास से लेकर स्कूल और अस्पताल का निर्माण शामिल है.
दरगाह कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद ओबैदुल्ला शरीफ ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, हमारी योजना दरगाह परिसर के सौंदर्यीकरण से लेकर स्कूल और अस्पताल के निर्माण तक की है. हम अजमेर आने वाले जायरीनों को पेश आ रही मुश्किलों को दूर करने के लिए हर जरुरी कदम उठायेंगे. कमेटी ने दरगाह परिसर के आसपास शॉपिंग काम्पलेक्स, गेस्ट हाउस, 50 बिस्तरों वाला अस्पताल तथा एक स्कूल के निर्माण की योजना बनाई है. अजमेर आने वाले जायरीनों के लिए एक विशाल पुस्तकालय तथा संग्रहालय बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया है.
शरीफ ने कहा, कमेटी के खाते में फिलहाल करीब साढ़े छह करोड़ रुपये हैं. योजना को पूरा करने के लिए और अधिक राशि की जरुरत होगी. हम इसके लिए केंद्र सरकार से अनुदान मांगेंगे. हम उम्मीद करते हैं कि आने वाली सरकार का हमारी इस योजना में पूरा सहयोग मिलेगा. अजमेर शरीफ दरगाह पर हर साल देश विदेश से लाखों की संख्या में जायरीन पहुंचते हैं. आवास, साफ-सफाई और शौच जैसी बुनियादी सुविधाओं की सही ढंग से उपलब्धता नहीं होने के कारण लोगों की शिकायतें आती रही हैं.
यह दरगाह कमेटी संसद में पारित एक अधिनियम के तहत बनी है और केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के तहत इसका संचालन होता है. कमेटी दरगाह के प्रबंधन और उर्स के आयोजन जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां उठाती है.