नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने भाजपा नेता नितिन गडकरी द्वारा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दायर मानहानि की के मामले में उन्हें आरोपी के रूप में समन करने के बारे में आज सुनवाई पूरी कर ली. अदालत 28 फरवरी को अपना आदेश सुनायेगी.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोका ने गडकरी की शिकायत पर तर्क सुनने के बाद कहा कि इस मामले में आदेश बाद में सुनाया जायेगा. गडकरी का आरोप है कि आम आदमी पार्टी के नेता ने उनका नाम पार्टी द्वारा जारी भारत के सबसे ज्यादा भ्रष्ट लोगों की सूची में डालकर उनकी मानहानि की है.
वरिष्ठ वकील पिंकी आनंद और वकील अजय दिगपॉल ने गडकरी का पक्ष रखते हुए कहा कि केजरीवाल ने भाजपा नेता के खिलाफ गलत इरादे से यह बयान दिया है ताकि उनके मुवक्किल की छवि और सम्मान को नुकसान पहुंचाया जा सके. वकील ने दावा किया कि केजरीवाल ने 57 वर्षीय गडकरी के खिलाफ आधारहीन और झूठे आरोप लगाये हैं.
अदालत ने पहले 18 फरवरी को गडकरी और शिकायतकर्ता के गवाह के रुप में वकील नीरज के बयान दर्ज किये थे. अदालत में दर्ज कराये अपने बयान में गडकरी ने दावा किया कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कथित भ्रष्ट नेताओं की सूची में उनका नाम उनकी सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए डाला था.
गडकरी ने कहा, आरोपी (केजरीवाल) को बिना किसी आधार के झूठे और मानहानि करने वाले बयान देने की आदत है. आरोपी और उनकी पार्टी की ओर से दिए गए बयानों ने जनता की नजरों में मेरी छवि को नुकसान पहुंचाया है और उसे धूमिल किया है. उन्होंने कहा, आरोपी व्यक्ति और उनकी पार्टी के सदस्यों ने, यह जानते हुए कि ये बयान झूठे हैं, गलत इरादे के साथ इन्हें जारी किया. ये बयान बिना किसी आधार के गलत इरादे के साथ मेरी मानहानि करने और मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए दिए गए.
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि इस साल 31 जनवरी को केजरीवाल ने कथित तौर पर भारत के सबसे भ्रष्ट नेताओं की सूची जारी की थी. इसमें उन्होंने उनके (गडकरी के) नाम के साथ कई नेताओं के नाम शामिल किए थे.केजरीवाल ने 31 जनवरी को कई नेताओं पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया था और कहा था कि आम आदमी पार्टी उनके खिलाफ आगामी लोकसभा चुनावों में उम्मीदवार उतारेगी.