नयी दिल्ली : नकवी ने बताया कि इसकी संपूर्ण रुपरेखा हेतु एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है जो शिक्षण संस्थानों की रुपरेखा-स्थानों आदि के बारे में अपनी विस्तृत रिपोर्ट दो महीनों में देगी. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि ये शिक्षण संस्थान 2018 से काम करना शुरु कर दें. इन शिक्षण संस्थानों में 40 प्रतिशत आरक्षण लडकियों के लिए किये जाने का प्रस्ताव है. नकवी ने बताया कि हमारी कोशिश है कि आधुनिक सुविधाओं सहित विश्वस्तरीय शिक्षा का आदर्श शैक्षिक केंद्र एवं रोजगारपरक कौशल विकास संस्थान स्थापित करना शिक्षा के साथ रोजगार मुहैय्या कराने का एक बडा मिशन साबित हो.
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने बताया कि आज की बैठक में अल्पसंख्यकों के शैक्षिक सशक्तिकरण और कौशल विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. इनमे लडकियों के लिए ‘‘ बेगम हजरत महल स्कॉलरशिप’ शामिल हैं. इसके अलावा देश भर में ‘‘ गरीब नवाज स्किल डेवलपमेंट सेंटर’ स्थापित करने की घोषणा भी की गई.
नकवी ने कहा कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यक समुदायों को बेहतर से बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारा जोर अल्पसंख्यकों को बेहतर शिक्षा और इसके साथ ही रोजगार प्रदान करने पर है. पिछले बजट में घोषित 3827 करोड़ रुपये में से लगभग 2800 करोड़ रुपए स्कालरशिप, ट्रेनिंग सहित अन्य शैक्षिक गतिविधियों के लिए दिए जा रहे हैं. इनमें 1816 करोड़ रुपए की छात्रवृतियां शामिल हैं.अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि इसके अलावा एमएसडीपी के तहत 650 करोड रुपए शैक्षिक आधारभूत ढांचा विकसित करने पर खर्च किये गए हैं. 262 करोड रुपये की लागत से लगभग 200 सद्भाव मंडप और 16 गुरुकुल प्रकार के आवासीय स्कूलों को स्वीकृति दी गई है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन 16 गुरुकुल प्रकार के स्कूलों में तेलंगाना में 7, आंध्रप्रदेश में 6, कर्नाटक में 2 और झरखण्ड में एक आवासीय स्कूल शामिल हैं. साथ ही हमने तय किया है कि जो मदरसे मुख्यधारा की शिक्षा भी देर रहे हैं उन्हें भी हम मदद देंगे. नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया की मुहिम के साथ पूरी तरह जुड रहा है. अल्पसंख्यक मंत्रालय हर स्तर पर कैशलेस डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढावा दे रहा है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय ने 3 करोड छात्रों की 6715 करोड रुपए की छात्रवृति सीधे उनके बैंक खातों में भेजी है.
नकवी ने बताया कि हमें खुशी है कि 5 महीने पहले हमने देशभर में जिन बहुउद्देशीय सद्भाव मंडप के निर्माण की घोषणा की थी उसमें बडी सफलता मिली है. हमने अब तक देश भर में लगभग 200 सद्भाव मंडप स्वीकृत किये हैं. इनमें पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, असम, केरल शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा 12वीं पांच वर्षीय योजना में एमएसडीपी कार्यक्रम के तहत विभिन्न राज्यों को लगभग 5300 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गए हैं.