नयी दिल्ली : भारत-चीन सीमा पर कोई घुसपैठ होने से इंकार करते हुए सरकार ने आज कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्रों पर नियमित गश्त और अन्य संसाधनों से निगरानी की जा रही है.
रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने आज राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चीन के तीन नागरिकों को जून 2013 में लद्दाख के सीमा क्षेत्र में चीन के कुछ राजनीतिक नक्शे, एक तलवार और एक चाकू के साथ पकड़ा गया था. एंटनी ने बताया कि भारत और चीन के बीच समान रुप से रेखांकित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) नहीं है. सीमा पर ऐसे क्षेत्र हैं जहां भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अलग अलग अवधारणा है और इसी के मुताबिक दोनों पक्ष इन क्षेत्रों में गश्त करते हैं.
उन्होंने बताया कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की ओर एक कैमरा लगा था जो काम नहीं कर रहा था. इसे चीनी सेना पीएलए ने 17 जून 2013 को हटा दिया था. देवेंदर टी गौड और महेंद्र सिंह माहरा के प्रश्न के लिखित उत्तर में एंटनी ने बताया कि तय व्यवस्था के अनुसार, 19 जून 2013 को पीएलए के साथ संपन्न प्रतिनिधिमंडल स्तरीय फ्लैग मीटिंग में इस घटना पर विरोध दर्ज कराया गया जिसके बाद 3 जुलाई 2013 को चीनी पक्ष ने कैमरा लौटा दिया था.
उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय सैनिकों के शस्त्र चुराए जाने की कोई घटना नहीं हुई है. रक्षा मंत्री ने बताया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अतिक्रमण की विशेष घटनाओं को सीमा कर्मियों की बैठक, फ्लैग बैठक, भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय संबंधी व्यवस्था और राजनयिक चैनलों के जरिये चीनी पक्ष के साथ उठाया जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को देखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों को सुरक्षित रखने के लिए कई आवश्यक कदम उठाए गए हैं.