रवींद्र यादव
नोवामुंडी : लौहांचल में लाल माटी के काले धंधा का खेल अधिकारियों की मिलीभगत से खेला जाता रहा है. इस खेल में अवैध लौह अयस्क को वैध बनाकर ऊंची कीमत पर बेचने का काम लंबे समय से चल रहा है. प्रति ट्रक अवैध लौह अयस्क की ढुलाई के एवज में एकमुश्त रकम पुलिस लेकर प्रशासनिक अफसरों तक पहुंचायी जाती है.
बड़ाजामदा थाना क्षेत्र में वर्तमान में लगभग दो लाख मैट्रिक टन से अधिक लौह अयस्क फाइंस विभिन्न स्थलों पर भंडारित है. जो ग्रेड 52 से 53 प्रतिशत का है. जिसका कोई दावेदार नहीं है. इस अयस्क का बाजार मूल्य 18 से 20 करोड़ रुपये है. अवैध कारोबारी 900 से 1200 रुपये प्रति मैट्रिक टन के हिसाब से इसकी खरीद करते है. 60 ग्रेड का फाइंस मिलाकर इसे 55 से 58 ग्रेड का बना दिया जाता है. फिर इसे 1800 रुपये प्रति मैट्रिक टन तक बेच दिया जाता है.
ऐसे बनाया जाता अवैध को वैध
लौह अयस्क के कारोबारी माइंस से आरओएम की खरीदारी कर क्रशर में क्रसिंग करते है. जिसमें 20 से 30 प्रतिशत अयस्क प्राप्त होता है. इसका 70 प्रतिशत कचरे में चला जाता है. 70 प्रतिशत आयरन का माइनिंग चालान बच जाता है. जिसका इस्तेमाल अवैध लौह अयस्क फाइंस को खरीदकर वैध बनाने में किया जा रहा है. कई कारोबारी प्रति माइनिंग चालान 700 रुपये में अवैध कारोबारियों को बेच डालते है.
टंकुरा से दस हजार मैट्रिक टन व बड़ाजामदा साइडिंग टंकीशाही से एक हजार मैट्रिक टन लौह अयस्क को बालाजी मेटालिक्स क्रशर प्लांट ले जाये जाने की सूचना है. गौरतलब है कि अवैध माइनिंग रोकने के लिये जिला स्तर के टास्क फोर्स की कमेटी बनी हुई है. जिला स्तर पर मासिक समीक्षा बैठक होती है. जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त करते है. बावजूद इसके कमेटी के सदस्य निरीक्षण के नाम पर केवल खानापूर्ति करते है.