पोर्ट ब्लेयर : भारतीय वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज कहा कि भारत दक्षिण चीन सागर में मौजूदा हालात के मित्रतापूर्ण समाधान पर विचार कर रहा है लेकिन यह भी चाहता है कि सभी देश एक आचार संहिता का पालन करें ताकि क्षेत्र में तनाव अब और न बढ़े.
भारतीय नौसेना के नौवें द्विवार्षिक अंतरराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास मिलन 2014 के इतर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए एयर मार्शल पी के रॉय ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में हालात को लेकर भारत का तीन सूत्री रुख है. दक्षिण चीन सागर में बहुत सारे देशों के वाणिज्यिक हित हैं. अंडमान-निकोबार कमांड के कमांडर-इन-चीफ रॉय ने कहा, पहले इलाके में नौवहन की आजादी अंतरराष्ट्रीय समुद्री दिशानिर्देश के मुताबिक होनी चाहिए.
दूसरे, हम मित्रतापूर्ण समाधान चाहेंगे और इस दिशा में काम कर रहे हैं. रॉय ने कहा, तीसरा और अंतिम बिंदु यह है कि जब तक ऐसे समाधान अमल में नहीं लाए जाते, तब तक हमें एक आचार संहिता का पालन करना चाहिए ताकि हालात अब और न बिगड़े.
हम इन पर विचार कर रहे हैं. दक्षिण चीन सागर के ज्यादातर क्षेत्र पर चीन अपना दावा जताता है जबकि वियतनाम, फिलिपीन, मलेशिया एवं बू्रनेई उसके दावे को खारिज करते हैं. वियतनाम के क्षेत्र में भारतीय कंपनी ओएनजीसी द्वारा तेल ब्लॉकों की खोज पर भी चीन ने ऐतराज जाहिर किया था. हालांकि, भारत ने उसे वाणिज्यिक करार दिया था.