नयी दिल्ली:समझौता एक्सप्रेस धमाके के मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद ने ‘कैरावन मैगजीन’ को दिये इंटरव्यू में दावा किया है कि मुसलिम इलाकों में जो भी धमाके हुए हैं, उसकी मंजूरी खुद मौजूदा आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने दी थी.
इस मामले में केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने मोहन भागवत को गिरफ्तार करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इन्हें शर्म आनी चाहिए. वोट के लिए वे इस तरह के कृत्य करते हैं. वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि केंद्र इस संबंध में जांच के आदेश दे. गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इस मामले पर गौर किए जाने की बात कही है. कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों की ओर से मामले की जांच की मांग हो रही है.
मुस्लिम इलाकों में धमाकों को हरी झंडी देने के मामले में असीमानंद ने मोहन भागवत के साथ आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार का भी नाम लिया है. ‘कैरावन मैगजीन’ के लिए असीमानंद का इंटरव्यू लीना गीता रघुनाथ ने किया है. रघुनाथ ने असीमानंद से चार इंटरव्यू किये, जिसके आधार पर यह दावा किया गया है.
मैगजीन ने बुधवार को प्रेस रिलीज जारी करके कहा कि उन्होंने असीमानंद के दावों को लेकर सवालों की एक फेहरिस्त संघ प्रमुख को भेजी, लेकिन उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया. मैगजीन ने इंटरव्यू का ऑडियो भी जारी कर दिया. इधर, संघ ने इन आरोपों से इनकार किया है. संघ ने कहा कि जो ऑडियो जारी किया गया है वह फर्जी है. वहीं, असीमानंद के वकील जेएस राणा का कहना है कि ‘कैरावन’ में ‘द बिलीवर’ शीर्षक से स्वामी असीमानंद पर लीना गीता रघुनाथ का जो लेख छपा है, सरासर झूठों का पुलिंदा है. एक फरवरी, 2014 को पा यह लेख मानवाधिकार और विचाराधीन कैदी के हितों का खिलाफ है. यह इंसाफ के रास्ते में रु कावट डालने की बड़ी साजिश का नमूना है.