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नौसेना का अधिकारी प्रेमिका को देता था वार रूम की गुप्त सूचनाएं

नयी दिल्ली : भारतीय नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी पर वार रूम से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं लीक करने का आरोप लगा है. इस अफसर को बरखास्त करने की सिफारिश की गयी है. कहा गया है कि यह नैतिक रूप से भ्रष्ट अफसर पर अपनी प्रेमिका को अति गोपनीय सूचनाएं लीक करने का शक है. अंगरेजी […]

नयी दिल्ली : भारतीय नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी पर वार रूम से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं लीक करने का आरोप लगा है. इस अफसर को बरखास्त करने की सिफारिश की गयी है. कहा गया है कि यह नैतिक रूप से भ्रष्ट अफसर पर अपनी प्रेमिका को अति गोपनीय सूचनाएं लीक करने का शक है.

अंगरेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेवल ऑपरेशंस डायरेक्टरेट की अगुवाई कर रहे कैप्टन मनोज रावत के खिलाफ नैतिक तौर पर भ्रष्ट होने की शिकायत उसकी प्रेमिका ने ही की थी. इसके बाद बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी ने इन आरोपों को सही पाया. इसके बाद उसे नौसेना से बरखास्त करने की सिफारिश की गयी है. खबर है कि महिला आरोपी अफसर की कॉलेज फ्रेंड थी.

पिछले साल उसने नेवी से जुड़े कई दस्तावेजों के साथ अपनी विस्तृत शिकायत भेजी. महिला को ये दस्तावेज उस वक्त मिले थे, जब दोनों का अफेयर चल रहा था. महिला ने नेवी अफसर से अपने अफेयर के सबूत भी भेजे हैं. शिकायत मिलने के बाद रावत को डायरेक्टरेट से तुरंत हटा दिया गया था. महिला का दावा है कि दोनों के बीच अफेयर था, पर रावत ने शादी से मना कर दिया था. शादीशुदा रावत के दो बच्चे हैं. रावत को नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके जोशी का करीबी माना जाता है.

* गोपनीय नहीं थे कागजात!

नौसेना मुख्यालय के प्रवक्ता कैप्टन पीवीएस ने इस मामले में कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी. वहीं, नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सबूत के रूप में महिला ने जो कागजात पेश किये हैं, वे सामरिक दृष्टि से न महत्वपूर्ण हैं, न ही गोपनीय. ये शोध से जुड़े कागजात थे. हालांकि, रक्षा मंत्रालय इस मुद्दे पर गंभीर है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में हथियार डील मामले में नौसेना मुख्यालय के लिप्त होने की जानकारी सामने आने के बाद से ऐसे किसी भी मामले को मंत्रालय गंभीरता से लेता है.

* मंत्रालय मांग सकता है मामले की विस्तृत रिपोर्ट

खबर है कि रक्षा मंत्रालय नौसेना मुख्यालय से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांग सकता है. रक्षा मंत्रालय में एक राय है कि ऐसे संवेदनशील पदों पर नियुक्ति के मामले में पूरी गंभीरता नहीं बरती जाती.

* कई अनैतिक मामले

हाल के वर्षों में नौसेना में अनुशासनहीनता और अनैतिकता के कई मामले सामने आये हैं. सबसे गंभीर मामला वर्ष 2010 का था, जब कमोडोर सुखजिंदर सिंह पर एक रूसी महिला से संबंध रखने के मामले में कार्रवाई की गयी थी. कमोडोर सुखजिंदर उन दिनों एयरक्राफ कैरियर आइएनएस विक्रांत के पुनर्निर्माण प्रोजेक्ट के प्रमुख थे.

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