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कश्मीर में फिर से हुए संघर्ष में 25 जख्मी, अबतक मरने वालों की संख्या 68 हुई

श्रीनगर : कश्मीर में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच फिर से हुए संघर्ष में कम से कम 25 व्यक्ति जख्मी हो गए जबकि इलाके के कई हिस्सों में कर्फ्यू के बीच मरने वालों की संख्या 68 तक पहुंचगयी है.पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अनंतनाग जिले के संगम में आज सुबह पुलिस ने […]

श्रीनगर : कश्मीर में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच फिर से हुए संघर्ष में कम से कम 25 व्यक्ति जख्मी हो गए जबकि इलाके के कई हिस्सों में कर्फ्यू के बीच मरने वालों की संख्या 68 तक पहुंचगयी है.पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अनंतनाग जिले के संगम में आज सुबह पुलिस ने झेलम नदी से एक युवक का शव बरामद किया.

उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों का आरोप है कि शाहनवाज खटाना की इलाके में पथराव कर रहे एक समूह और सुरक्षा बलों के बीच भिड़ंत के दौरान नदी में डूबने से मौत होगयी थी. इसके साथ ही कश्मीर में अशांति के कारण मरने वालों की संख्या 68 हो गयी है.

पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि अनंतनाग, शोपियां और बांदीपुरा जिले में पथराव की पांच घटनाओं को छोडकर घाटी की स्थिति प्राय: शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पथराव की घटनाएं बारबुग, हिलो, शोपियां के कडगाम, अनंतनाग के संगम और बांदीपुरा के वाटपुरा…पोटशाह में हुईं.’ उन्होंने कहा कि स्थिति को बिगाड़ने के लिए कुछ शरारती तत्व सड़कों पर एकत्रित हुए और पुलिस तथा सुरक्षा बलों पर कथित तौर पर पथराव किया.

प्रवक्ता ने जहां संघर्ष में जख्मी लोगों की संख्या नहीं बताई वहीं पुलिस सूत्रों ने कहा कि इन स्थानों पर घटनाओं के दौरान कम से कम 25 लोग जख्मी हुए.

अधिकारी ने कहा कि संगम क्षेत्र में हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए अधिकारियों को अनंतनाग शहर में फिर से कर्फ्यू लगाना पडा.

दक्षिण कश्मीर शहर में 49 दिनों से जारी कर्फ्यू के बाद आज सुबह थोड़े वक्त के लिए कर्फ्यू हटाया गया. अलगाववादियों की बादामीबाग स्थित सेना के मुख्यालय की तरफ मार्च करने की योजना को देखते हुए कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरे श्रीनगर शहर और दक्षिण कश्मीर के दो शहरों पुलवामा और पम्पोर में कर्फ्यू जारी रहा.

प्रवक्ता ने बताया कि घाटी के शेष हिस्से में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा हुआ है. कट्टरपंथी हुर्रियत कान्फ्रेंस के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी को एहतियात के तौर पर हिरासत में ले लिया गया क्योंकि सेना मुख्यालय की तरफ मार्च करने के लिए उन्होंने नजरबंदी का उल्लंघन करने का प्रयास किया. वह सेना मुख्यालय जाकर सेना से ‘‘जम्मू…कश्मीर खाली करने’ की मांग पर जनरल ऑफिसर कमांडिंग को एक पत्र सौंपना चाहते थे.

हिज्बुल मुजाहिद्दीन के ‘कमांडर’ बुरहान वानी के आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद पिछले 50 दिनों से घाटी में हिंसक प्रदर्शन जारी हैं.

कर्फ्यू, निषेधाज्ञा और अलगाववादियों की हड़ताल के कारण घाटी में लगातार 50वें दिन सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा.दुकानें, निजी कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान औरपेट्रोल पंप बंद रहे जबकि सार्वजनिक परिवहन सेवाएं भी बाधित रहीं.

अधिकारी ने बताया कि सरकारी कार्यालयों और बैंकों में उपस्थिति भी प्रभावित रही.पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट की सेवाएं बाधित हैं जबकि प्रीपेड मोबाइल पर आउटगोइंग सुविधा प्रतिबंधित है.प्रदर्शन के दौरान नागरिकों के हताहत होने को लेकर घाटी में आंदोलन चला रहे अलगाववादी संगठनों ने हड़ताल की अपील को बढाकर एक सितंबर तक कर दिया है.

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