नयी दिल्ली: कई सिख संगठनों ने आज यहां कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड पर प्रदर्शन किया और मांग की कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी के उन सदस्यों के नामों का खुलासा करें जो 1984 के सिख विरोधी दंगे में शामिल थे.
हाल ही में एक टीवी चैनल पर साक्षात्कार में राहुल गांधी ने कहा था कि कुछ कांग्रेसजन 1984 के सिख विरोधी दंगे में शामिल हो सकते हैं और वे उसके लिए दंडित भी किए गए.प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस विरोधी नारे लगाए. उन्होंने काले झंडे ले रखे थे और उनके हाथों में तख्तियां भी थीं. उनमें से एक तख्ती पर लिखा था, ‘‘सीबीआई को 1984 के दंगे में कांग्रेस की संलिप्तता के बारे में राहुल गांधी से पूछताछ करनी चाहिए. ’’
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘हम इंसाफ चाहते हैं. हम जानना चाहते हैं कि कौन वे लोग हैं जो उस दंगे में शामिल थे. ’’ जब इस प्रदर्शनकारी से कहा कि दिल्ली सरकार ने दंगे के मामलों की जांच के लिए एसआईटी गठन का फैसला किया है, तब उसने कहा, ‘‘हम तो 25 साल से एसआईटी की मांग कर रहे हैं. यदि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वाकई हमारे साथ हैं तो हम उनका स्वागत करते हैं लेकिन यदि वह राजनीति कर रहे हैं तो हम उनसे ऐसा नहीं करने का अनुरोध करते हैं. ’’ करीब 200 प्रदर्शनकारी कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे और उन्होंने पहला बैरीकेड पार कर दिया. दूसरे बैरीकेड पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया. उनमें से कई हिरासत में ले लिए गए और उन्हें तुगलक रोड़ थाने ले जाया गया जहां से बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.
अपने साक्षात्कार में राहुल गांधी ने कहा था कि 1984 में कांग्रेस ने दंगे को बढ़ावा और प्रश्रय नहीं दिया था बल्कि हिंसा को रोकने का प्रयास किया था.कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार दंगे में संलिप्तता के आरोपों का सामना कर रहे हैं. वर्ष 1984 में 31 अक्तूबर को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद यहां बड़े पैमाने पर दंगे फैल गए थे. अबतक दिल्ली पुलिस और सीबीआई ने ही दंगों की जांच की है.