नयी दिल्ली : सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को मोटर यान संशोधन विधेयक-2016 लोकसभा में विपक्ष के कड़े विरोध के बीच पेश किया. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों के सदस्यों ने स्पीकर सुमित्रा महाजन से अपील की कि वह गडकरी को ‘मोटर यान संशोधन विधेयक-2016’ को पेश करने की अनुमति नहीं दें. अगर मंत्री को विधेयक पेश करने की अनुमति दी जाती है, तो इससे गलत परंपरा की शुरुआत होगी, लेकिन स्पीकर ने सभी की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि गडकरी केवल विधेयक को पेश कर रहे हैं और इस पर चर्चा बाद में होगी.
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विधेयक पर विस्तार से विचार-विमर्श के लिए इसे संसद की प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए, क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण विधेयक है. वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि विधेयक को पेश करने से दो दिन पूर्व उसे सदस्यों के बीच बांटे जाने की परंपरा रही है, लेकिन उन्हें तथा अन्य सदस्यों को विधेयक की कॉपी नहीं मिली है. माकपा के मोहम्मद सलीम ने कहा कि उन्हें मंगलवार की सुबह यह विधेयक मिला है. उन्हें इस विधेयक का अध्ययन करने के लिए समय चाहिए. इस पर, गडकरी ने कहा कि सड़क हादसों में हर साल डेढ़ लाख से अधिक लोग मारे जाते हैं. मैं सदस्यों से अपील करता हूं कि इसे पेश करने दें. सड़क सुरक्षा केवल मेरी जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि बाकी सदस्यों की भी जिम्मेदारी है. लोकसभा में इस विधेयक का जल्द पारित होना जरूरी है, ताकि मौजूदा सत्र में ही इसे राज्यसभा में पेश किया जा सके.
मैंने सभी विपक्षी दलों से सहयोग मांगा है. प्रतिदिन 500 लोग मर रहे हैं. इतनी संख्या में किसी युद्ध में भी लोग नहीं मरते. अगर हम अपने कानूनों में संशोधन नहीं करेंगे, तो हम लोगों की जान बचाने में सक्षम नहीं होंगे. राजनैतिक दलों से पार्टी लाइन से हट कर सभी समर्थन मिलने की उम्मीद है.
नितिन गडकरी, सड़क एवं राजमार्ग मंत्री
विधेयक में प्रावधान
शराब पीकर गाड़ी चलाने पर दस हजार रुपये तक जुर्माना
हिट एंड रन मामले में दो लाख, सड़क हादसे में दस लाख तक का मुआवजा
निर्धारित सीमा से अधिक गति पर गाड़ी चलाने पर एक हजार से चार हजार रुपये का जुर्माना
बीमा के बिना गाड़ी चलाने पर दो हजार रुपये का जुर्माना या तीन माह की सजा
बिना हेलमेट के गाड़ी चलाने पर दो हजार रुपये का जुर्माना और तीन महीने तक लाइसेंस का निलंबन
नाबालिग यदि सड़क हादसे में शामिल है, तो अभिभावक या वाहन मालिक को दोषी माना जायेगा और वाहन का पंजीकरण रद्द कर दिया जायेगा