नयी दिल्ली : राहुल गांधी द्वारा गुजरात दंगों के लिए नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराये जाने के बाद आज भाजपा नेता अरुण जेटली ने राहुल गांधी को करारा जवाब दिया है. अपने ब्लॉग पर जेटली ने लिखा है कि जब इंदिरा गांधी का शव अस्पताल में रखा था, तो सडकों पर खून के बदले खून का नारा लग रहा था.
दंगाई सिखों को अपना निशाना बना रहे थे, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी. आज तक पीडितों को न्याय नहीं मिला है. गुजरात के दंगों से निपटने के लिए सरकार ने पर्याप्त कार्रवाई की थी. पुलिस फायरिंग में तीन सौ लोग मारे गये थे 1984 में कांग्रेस ने क्या किया था? मोदी के खिलाफ जांच हुई एसआईटी ने उन्हें बेगुनाह माना है. फिर किस आधार पर राहुल गांधी ने मोदी को दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराया.
गुजरात दंगों के बारे में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की टिप्पणियों पर भाजपा नेताओं ने आज तीखी प्रतिक्रिया करते हुए उनके इस दावे को गलत बताया कि 1984 के सिख विरोधी दंगों को काबू करने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कारगर कदम उठाये थे.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा कि राहुल को सही जानकारियां नहीं हैं. उन्होंने दावा किया कि 2002 के दंगों को नियंत्रित करने के लिए गुजरात सरकार ने कारगर कदम उठाये. जबकि 1984 के सिख विरोधी दंगों पर काबू पाने के लिए ऐसा कुछ नहीं किया गया.
भाजपा के अन्य नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया कि 1984 के सिख विरोधी दंगों में गुजरात दंगों से कहीं अधिक लोग मारे गये थे.
पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने राहुल से यह बताने को कहा कि कांग्रेस में यह कौन सी सत्ता की एकाग्रता है जिसके चलते वह अपनी पार्टी के उपाध्यक्ष बने और उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने का समूहगान शुरु हुआ.
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर नरेंद्र मोदी का उदाहरण है जो गरीबी में पैदा हुए और अपनी कड़ी मेहनत, ईमानदारी और शासन के अपने रिकार्ड की बदौलत प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के स्तर तक पंहुचे.