बीजिंग/नयी दिल्ली : : भारत दौरे में मिले सकारात्मक संकेतों से उत्साहित चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग ने इस यात्रा को सफल बताया है.
सरकारी मीडिया में आज यह जानकारी दी गयी. उसमें यह भी बताया गया है कि ली ने कहा कि उन्हें अपने भारतीय समकक्ष मनमोहन सिंह के साथ बातचीत के दौरान बहुत अच्छा अहसास हुआ. सरकारी अखबार चाइना डेली ने ली को यह कहते हुए उद्धृत किया है एक सफल शुरुआत अंतिम सफलता तक पहुंचने की राह है. ली के नौ दिवसीय विदेश दौरे के कार्यक्रम में भारत के बाद पाकिस्तान, स्विटजरलैंड और जर्मनी शामिल हैं. 57 वर्षीय ली कल पाकिस्तान जायेंगे.
ली ने प्रधानमंत्री सिंह के साथ अपनी बातचीत को गहन, दोस्ताना और स्पष्ट वार्ता करार दिया. उन्होंने कहा इसने मुझे बहुत बेहतर अहसास कराया. मैं सचमुच उनकी (सिंह की) व्यवस्था का कायल हूं. प्रधानमंत्री बनने के बाद यह ली का पहला विदेश दौरा है. वैसे ली 27 साल पहले भारत आये थे जब वह युवा नेता थे. ली क्विंग ने आज कहा कि भारत और चीन में सीमा संबंधी मसलों का परस्पर स्वीकार्य समाधान खोजने की समझ है और दोनों देशों ने इस विवादास्पद मसले पर बातचीत से गुरेज नहीं किया है.
ली ने द्विपक्षीय व्यापार घाटा कम करने के लिए अनुकूल व्यापार संतुलन को समर्थन देते हुए कहा कि चीन अपने उद्योगों को भारत में निवेश बढाने के लिए समर्थन देगा और भारतीय उत्पादों की चीनी बाजार में पहुंच बनाने में मदद करेगा. व्यापार असंतुलन इस समय 30 अरब डॉलर है. ली ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ दो दौर की वार्ता के एक दिन बाद यहां कहा कि चीन सीमा पार नदियों समेत भारत के साथ लंबित मसलों को ईमानदारी से सुलझाना चाहता है. उन्होंने दोनों पड़ोसी देशों के बीच मजबूत होते द्विपक्षीय संबंधों का समर्थन किया.
चीन ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे भारत के हितों को नुकसान पहुंचे:ली
भारत की यात्रा पर आए चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और कहा कि चीन भारत को एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय साङोदार के रुप में देखता है और वह ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे भारत के हितों को नुकसान पहुंचे.राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता के मुताबिक ली ने कहा, ‘‘चीन भारत को एक रणनीतिक साङोदार के रुप में देखता है और मानता है कि द्विपक्षीय संबंध में सुधार की काफी संभावना है.
वह ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे भारत के हितों को नुकसान पहुंचे.’’मुखर्जी ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि भारत ऐसा पहला देश है, जहां ली प्रधानमंत्री का पद ग्रहण करने के बाद यात्रा पर आए हैं. उन्होंने कहा कि इससे यह पता चलता है कि ली भारत चीन संबंध को कितनी अहमियत देते हैं. प्रवक्ता के अनुसार राष्ट्रपति ने कहा कि सीमा के आरपार बहने वाली नदियों को दोनों देशों के लोगों को बांटने के बजाय उन्हें जोड़ना चाहिए.