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उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग बुझाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने की पानी की बौछार

देहरादून/नयी दिल्ली: उत्तराखंड के जंगलों को बडे पैमाने पर नुकसान पहुंचा चुकी आग को बुझाने के लिए एक झील से पानी लेकर प्रभावित इलाकों पर पानी की बौछार करनेे के लिए भारतीय वायुसेना के एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने नैनीताल जिले में कई छोटी उडानें भरी. बहरहाल, ठीक से दिखाई न देने की वजह से पौडी […]

देहरादून/नयी दिल्ली: उत्तराखंड के जंगलों को बडे पैमाने पर नुकसान पहुंचा चुकी आग को बुझाने के लिए एक झील से पानी लेकर प्रभावित इलाकों पर पानी की बौछार करनेे के लिए भारतीय वायुसेना के एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने नैनीताल जिले में कई छोटी उडानें भरी. बहरहाल, ठीक से दिखाई न देने की वजह से पौडी में हवाई अभियानों के लिए दूसरे हेलीकॉप्टर को तैनात नहीं किया जा सका. आग पर काबू पाने की कोशिशों के तहत हवाई अभियानों की शुरुआत आज की गई है. जंगलों में लगी इस भयावह आग में अब तक सात लोग मारे जा चुके हैं जबकि 2,269 हेक्टेयर वन भूमि तबाह हो चुकी है. यह आग सुदूर पर्वतीय इलाकों तक भी पहुंच गई है जहां आबादी कम है.

दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हालात की समीक्षा की और उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव एवं अन्य अधिकारियों से चर्चा की. उन्होंने राज्य सरकार को केंद्र से सभी सहायता की पेशकश की.जंगलों में लगी आग से निपटने के केंद्र के तौर-तरीकों पर कांग्रेस की ओर से किए गए हमले के बाद केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि सरकार घटना को ‘‘काफी गंभीरता’ से ले रही है और इस पर काबू पाने की सारी कोशिशें कर रही है. जावडेकर ने कहा, ‘‘सरकार उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग को काफी गंभीरता से ले रही है. इससे मुकाबले के लिए 6,000 लोगों को तैनात किया गया है. हमने कल राज्य सरकार को पांच करोड रुपए का अनुदान भी दिया है.’ केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘एक तरफ मोदी सरकार एक शांतिपूर्ण राज्य में राजनीतिक संकट पैदा कर रही है, दूसरी तरफ यह एक बडी पर्यावरणीय त्रासदी से निपटने में बुरी तरह नाकाम रही है.’
प्रधान वन संरक्षक एवं नोडल अधिकारी बी पी गुप्ता ने बताया कि करीब 3,000 लीटर पानी ढोने की क्षमता से लैस एमआई-17 हेलीकॉप्टर भीमताल झील से पानी इकट्ठा कर रहा है और आग बुझाने के लिए अलमखन, किलबरी और नलेना इलाकों में छोटी उडानें भर रहा है. बहरहाल, पौडी के जिलाधिकारी चंद्रशेखर भट्ट ने बताया कि वायुसेना का एक अन्य हेलीकॉप्टर कम दृश्यता के कारण उडान नहीं भर सका. इस हेलीकॉप्टर को भी आग बुझाने के काम में तैनात किया गया था.
भट्ट ने बताया कि हेलीकॉप्टर ने श्रीनगर बांध से पानी इकट्ठा किया है लेकिन वह उडान तभी भर सकेगा जब दृश्यता में सुधार होगा. गुप्ता ने बताया कि दो हेलीकॉप्टरों को तैनात किए जाने, सभी सुरक्षा एजेंसियों के हरकत में आने और आग बुझाने के अभियानों में स्थानीय लोगों के शामिल होने से दो-तीन दिनों में हालात पर काबू पाया जा सकता है. गुप्ता ने बताया कि पौडी, नैनीताल, रुद्रप्रयाग और टिहरी सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि सारी एजेंसियों की ओर से की जा रही कोशिशों से हालात में सुधार होना तय है.प्रदेश के मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार से मदद को मिले एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने आज सुबह नैनीताल जिले के किलबरी के जंगलों में भडकी आग को बुझाने का प्रयास किया. हालांकि, कुछ कारणवश बाकी जगहों पर आग बुझाने के लिये हेलीकॉप्टर घोडाखाल से उडान नहीं भर पाए.
अतिरिक्त मुख्य सचिव :वन: एस रामास्वामी ने बताया कि राष्टीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और 6000 से अधिक वनकर्मी सेना के जवानों की मदद से जंगलों में आग बुझाने के काम में जुटे हुए हैं. उन्होंने बताया कि आज सुबह से कई स्थानों पर जंगलों में लगी आग की वजह से इलाकों में घना धुआं छाया हुआ है जिसकी वजह से आग बुझाने के काम में दिक्कत आ रही है. इस बीच, मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जाहिर किया है कि दो मई के बाद दिन के तापमान में काफी गिरावट दर्ज की जाएगी, जिससे दो-तीन दिनों में जंगलों में लगी आग पर काबू पाया जा सकता है. गुप्ता ने बताया कि आग लगने की कोई ताजा घटना रोकने के लिए प्रशासन को अगले 35 दिनों तक चौकस रहना होगा. फरवरी में राज्य के जंगलों में आग लगी थी. इसके बाद से अब तक 922 घटनाएं हो चुकी हैं.

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