नयी दिल्ली: भारत ने सख्त कदम उठाते हुए भारतीय वायुसेना के लिए 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए एंग्लो-इतालवी कंपनी अगस्तावेस्टलैंड के साथ किए गए 3,600 करोड़ रुपए के करार को आज रद्द कर दिया. इस करार में 360 करोड़ रुपए के कमीशन के भुगतान का आरोप लगने के करीब एक साल बाद भारत ने इसे रद्द करने का फैसला किया. अगस्तावेस्टलैंड कंपनी के दो शीर्ष अधिकारियों द्वारा अनुबंध हासिल करने के लिए कथित तौर पर कमीशन के भुगतान की खबरें आने के बाद 2010 में हुआ यह करार रद्द करने का फैसला किया गया है. भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एस पी त्यागी इस मामले में एक आरोपी हैं. इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है.
सूत्रों ने बताया कि करार की शर्तों के तहत भारत हर्जाने के रुप में अगस्तावेस्टलैंड से 50 करोड़ यूरो की धनराशि मांग सकता है. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘भारत सरकार ने 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए 08 फरवरी 2010 को अगस्तावेस्टलैंड इंटरनेशनल लिमिटेड (एडब्ल्यूआईएल) के साथ किए गए करार को प्री-कॉन्ट्रैक्ट इंटेग्रिटी पैक्ट और एडब्ल्यूआईएल द्वारा करार के उल्लंघन के आधार पर तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है.’’मंत्रालय ने कमीशन के भुगतान के आरोप लगने के बाद संसद को भी हिलाकर रख देने वाले राजनीतिक तूफान के बीच करार पर रोक लगा दी थी. करार रद्द करने के बाद भारत ने अब पंचाट का रुख करने का फैसला किया है और उसने इस बाबत अपनी तरफ से पूर्व न्यायमूर्ति जीवन रेड्डी को नियुक्त किया है. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने ‘पीटीआई’ को बताया कि रक्षा मंत्री ए के एंटनी की आज सवेरे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से हुई मुलाकात के बाद करार रद्द करने का फैसला किया गया.