मुंबई : महाराष्ट्र की विशेष पोटा अदालत ने आज 2002-2003 में मुंबई में हुए तीन बम धमाकों के मामले में तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इस मामले में 10 लोगों को दोषी ठहराया गया था. आपको बता दें कि 13 साल पहले मुंबई के तीन स्थानों पर हुए इन जोरदार धमाकों में 12 लोगों की मौत हुई थी जबकि 130 से ज्यादा लोग इस धमाके में घायल हो गए थे.
किनको मिली उम्र कैद की सजा
इस मामले में दस लोगों को दोषी ठहराया गया था जिसमें मुख्य दोषी मुजम्मिल अंसारी के अलावा वाहिद अंसारी और फरहान खोट को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. अन्य आरोपियों को जो सजा दी गई है, वो उससे ज्यादा समय जेल में व्यतित कर चुके हैं. पुलिस द्वारा पकड़े गए अधिकांश आरोपी आठ साल से ज्यादा की सजा जेल में बिता चुके हैं. इसलिए औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इन्हें रिहा कर दिया जाएगा.
ठहराये गए थे दोषी
दिसंबर 2002 से लेकर मार्च 2003 तक महाराष्ट्र के मुलुंड, मुंबई सेंट्रल और विले पार्ले स्टेशन समेत आसपास के इलाकों में तीन जोरदार धमाके हुए. इस मामले में विशेष पोटा अदालत ने पिछले बुधवार को आरोपी मोहम्मद कामिल, नूर मोहम्मद अंसारी, अनवर अली को केवल आर्म्स एक्ट के तहत दोषी ठहराया था जबकि आरोपी गुलाम अकबर को पोटा और एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत दोषी ठहराया था. फरहान मलिक को पोटा समेत पांच अन्य आरोप में, डॉ. वाहिद जब्बार अंसारी पोटा समेत चार धाराओं में और मुजम्मिल अख्तर अब्दुल अंसारी पोटा समेत 18 धाराओं में दोषी ठहराया था जबकि पोटा अदालत ने तीन आरोपी नदीम पलवा, हारुन रशीद लोहार और अदनान बिलाल मुल्ला को रिहा कर दिया था.
कब हुए थे धमाके
पहला धमाका 6 दिसंबर 2002 को मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन स्थित मैक डोनॉल्ड में हुआ था. इस धमाके में 22 लोग घायल हो गए थे जबकिदूसरा धमाका 27 जनवरी 2003 को विले पार्ले रेलवे स्टेशन के बाहर स्थित सब्जी मार्केट में हुआ था. इसमें 30 लोग घायल हो गए थे. वहीं, तीसरा धमाका 13 मार्च 2003 को मुलुंड स्टेशन पर लोकल ट्रेन में हुआ था. इसमें 10 लोगों की जान गई थी जबकि 50 से ज्यादा घायल हो गए थे.