25.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जेटली ने कहा, थोड़े हैं लेकिन पारसी कभी खुद को अल्पसंख्यक महसूस नहीं करते

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत का सबसे छोटे समुदाय पारसी ने कभी खुद को अल्पसंख्यक नहीं माना और इसी मानसिकता ने उन्हें दूसरों के लिए रोल मॉडल के रुप में उभरने का मौका दिया.अल्पसंख्यक मामलों और संस्कृति मंत्रालयों की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त […]

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत का सबसे छोटे समुदाय पारसी ने कभी खुद को अल्पसंख्यक नहीं माना और इसी मानसिकता ने उन्हें दूसरों के लिए रोल मॉडल के रुप में उभरने का मौका दिया.अल्पसंख्यक मामलों और संस्कृति मंत्रालयों की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने विविध क्षेत्रों में योगदान के लिए ‘‘उदार और फिराख-दिल’ पारसियों की तारीफ की.

जेटली ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि यह अहम है कि भारत के सबसे छोटे अल्पसंख्यक ने कभी नहीं महसूस किया कि यह अल्पसंख्यक है. इसने कभी खुद को अल्पसंख्यक नहीं माना. यही जेहनियत है जिसने इसे अनेक पैमानों पर शेष देश के लिए रोल मॉडल बनाने में मदद की.’ उन्होंने कहा कि पारसी कुछ विपरीत हालात में ईरान से भारत आए। उन्होंने अपनी संस्कृति संरक्षित रखी है और चाहे उद्योग हो, सेना हो, कानूनी पेशा हो, वास्तुकला हो या सिविल सेवाएं हो, हर जगह शीर्ष पर पहुंचने की अपनी क्षमता दिखाई है.
जेटली ने प्रस्ताव किया कि गुजरात के जिस उदवाडा शहर में सदियों पहले आए थे, उसे वैश्विक सांस्कृति केंद्र के रुप में विकसित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने उस शहर के विकास के लिए पहल की थी.
पारसी समुदाय की नामी गिरामी हस्तियों और ब्रिटिश सांसद करण बिलिमोरिया के साथ केंद्रीय मंत्री नज्मा हेप्तुल्ला, महेश शर्मा और मुख्तार अब्बास नकवी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. जेटली ने रेखांकित किया कि जहां ब्रिटिश संसद में एक पारसी सदस्य है, भारतीय संसद में कोई नहीं है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें