25.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

जेल जाएंगे पर जुर्माना नहीं भरेंगे : श्री श्री रविशंकर

नयी दिल्ली :नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी)ने जुर्माना भरने के लिए श्री श्री रविशंकर को एक दिन का और वक्त दिया है. दूसरी तरफ रविशंकर अपने रुख पर कायम है उन्होंने कहा, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से लगाया गया जुर्माना नहीं चुकाउंगा. भले ही इसके लिए मुझे जेल क्यों ना जाना पड़े. एक टीवी […]

नयी दिल्ली :नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी)ने जुर्माना भरने के लिए श्री श्री रविशंकर को एक दिन का और वक्त दिया है. दूसरी तरफ रविशंकर अपने रुख पर कायम है उन्होंने कहा, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से लगाया गया जुर्माना नहीं चुकाउंगा. भले ही इसके लिए मुझे जेल क्यों ना जाना पड़े. एक टीवी चैनल को दिये इंटरव्यू में श्री श्री ने कहा कि पांच साल पहले हमने जर्मनी के बर्लिन में ऐसा ही कुछ किया था.

वहां इस कार्यक्रम को काफी समर्थन मिला था. हमें भी प्रकृति से प्रेम है और हम कोई भी कार्य प्रकृति के विरुद्ध नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि यह इवेंट लोगों के लिए मरहम का काम करेगा. रविशंकर ने कहा कि एनजीटी के फेसले के खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट जायेंगे. अगर वहां भी उन्हें जुर्माना भरने को कहा गया तो जेल जाने को तैयार हैं.

उन्होंने कहा कि मैं कोर्ट का आदर करता हूं, सुप्रीम कोर्ट कहेगी तो मैं जुर्माना न भरकर जेल जाने की बात के लिए तैयार हूं. अगर मैं जुर्माना भरता हूं तो इसका मतलब है कि मैंने स्वीकार किया कि हमने कुछ गलती की जबकि मैं यह मानने को तैयार नहीं हूं कि पर्यावरण संबंधी नियमों के उल्लंघन के लिए हम जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि जितने भी प्रोटेस्ट हो रहे हैं उनके खिलाफ, वे राजनीति से प्रेरित हैं और गढ़े गए हैं.

उन्होंने कहा, हमें सिर्फ जमीन का एक टुकड़ा चाहिए था, और हमने कहा था कि हम यहां झाड़ू लगाएंगे और एक इवेंट करेंगे. उन्होंने कहा, ‘हमने पूरी दुनिया को कार्यक्रम के बारे में बता दिया है, लाखों लोग आने वाले हैं. अगर कोई यह कहता है कि सांस्कृतिक आयोजन पुनर्निमाण नहीं है तो इससे ज्यादा चौंकाने वाली बात कोई और है नहीं. यह विश्व सांस्कृतिक आयोजन है, यह लोगों के लिए आयोजित किया जा रहा है. पुल केवल सिक्यॉरिटी के लिए बनाये गये हैं जिन्हें लेकर मुझे कोई पछतावा नहीं है. मुझे खुशी है कि अब यमुना के आसपास कोई बदबू नहीं आ रही है जोकि हमारे यहां पहुंचने के वक्त थी.

एनजीटी से सशर्त दी है कार्यक्रम की मंजूरी, 5 करोड़ का जुर्माना भी लगाया

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने विवादों के बावजूद यमुना नदी के बाढ क्षेत्र में श्री श्री रविशंकर के आर्ट आफ लिविंग के शुक्रवार से आयोजित होने वाले तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम को आज हरी झंडी दे दी और आयोजन पर रोक लगाने में यह कहते हुए असमर्थता जताई कि इस स्तर पर इसे रोका नहीं जा सकता. पूरी योजना नहीं बताने पर फांउडेशन को आडे हाथ लेते हुए अधिकरण ने एओएल पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति के तौर पर पांच करोड रुपये का जुर्माना भी लगाया.

अधिकरण ने इसमें डीडीए और पर्यावरण मंत्रालय की भूमिका पर भी सवाल खडे किये. बाद में रात को आर्ट ऑफ लिविंग ने घोषणा की कि वह एनजीटी के उस आदेश के खिलाफ अपील करेगा जिसमें उसपर 5 करोड रुपये का जुर्माना लगाया गया है. एनजीटी के आदेश को चुनौती सामान्य तौर पर उच्चतम न्यायालय में दी जाती है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी कहा कि पारिस्थितिकी के लिहाज से यह कार्यक्रम ‘तबाही’ लगता है.

अस्थायी निर्माण के लिए पर्यावरण मेजूरी जरुरी नहीं : सरकार

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर कहा, ‘एनजीटी ने उन्हें मंजूरी दे दी है. हमने पहले ही एनजीटी से स्पष्ट कर दिया था कि इस तरह के कार्यक्रम या अस्थाई निर्माण कार्यों के लिए पर्यावरण संबंधी कानून और पर्यावरण संबंधी अधिसूचनाओं के तहत पर्यावरण मंजूरी जरुरी नहीं होती.’ एनजीटी की मंजूरी ऐसे दिन आयी जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने कार्यक्रम को पारिस्थितिकी दृष्टिकोण से एक तबाही करार दिया. इस कार्यक्रम के समापन समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कुछ अन्य कारणों से हिस्सा लेने से पहले ही मना कर दिया है. अधिकरण ने कहा कि रिकॉर्ड में रखे गये दस्तावेजों के अनुसार साफ है कि बाढसंभावित मैदानी क्षेत्र से व्यापक छेडछाड की गयी है और सडक, रैंप, पंटून पुल और अन्य अस्थाई ढांचे जल संसाधन मंत्रालय समेत संबंधित प्राधिकारों की जरुरी अनुमति के बिना बनाये गये हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें