नयी दिल्ली : यहां एक विशेष अदालत ने कोयला घोटाला मामले में आरोपी पूर्व केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री दिलीप रे की जमानत आज मंजूर कर ली. रे पूर्व राजग सरकार के पहले मंत्री थे जिन्हें इस मामले में आरोपी के रूप में तलब किया गया था.
रे और पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ जारी समन के तहत उनके अदालत में पेश होने के बाद सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने उनकी जमानत मंजूर कर ली. रे 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री थे.
रे के अलावा उस समय कोयला मंत्रालय के दो तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्या नंद गौतम की जमानत भी मंजूर कर ली गई.अदालत ने कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (सीटीएसल) के निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल की भी जमानत मंजूर कर ली.जमानत एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर मंजूर की गयी.
अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई में दस्तावेजों की समीक्षा के लिए एक अप्रैल की तिथि तय की है.अदालत ने 18 जनवरी को रे के खिलाफ आरोपी के तौर पर समन जारी किया था। यह मामला वर्ष 1999 में झारखंड के गिरिडीह में ब्रह्मादिह कोयला ब्लॉक के सीटीएल को आवंटन में कथित अनियमितताओं से जुडा है. रे के अलावा अदालत ने बनर्जी, गौतम, कैस्ट्रॉन टेक्नोलाजीज लि., उसके निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल तथा कैस्ट्रॉन माइनिंग को आरोपी के रूप में तलब किया था.
अदालत ने सीबीआई के आरोप पत्र का संज्ञान लेते हुए आरोपियों को आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) तथा 409 (विश्वास हनन) तथा भ्रष्टाचार रोधक कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत तलब किया था.