एजल : मिजोरम विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 27 सीटें जीत ली हैं जबकि एमएनएफ ने 3 सीटें जीत ली हैं. 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों के ये नतीजे आज घोषित किए गए. चार बार मुख्यमंत्री रह चुके ललथनहवला शेरछिप और हरांगतुज दोनों ही सीटें जीत गए हैं. वे इन दोनों ही सीटों पर चुनाव लड़े थे. शेरछिप में ललथनहवला ने अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी और एमएनएफ के प्रत्याशी लालरामजाउवा को 734 वोटों के अंतर से हराया है जिनके खाते में 4,985 वोट आए हैं.
हरांगतुज में मुख्यमंत्री ने मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस के प्रत्याशी ललथांसांगा को 1,638 वोटों से हराया है. ललथनहवला को यहां 5173 वोट मिले. मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि सत्ता विरोधी लहर थी लेकिन वे अगली सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त थे. गृहमंत्री आर. लालजिरलियाना तवी से अपने करीबी एमएनएफ प्रतिद्वंद्वी लालमलसाव्मी को हराकर जीत गए हैं. शिक्षा मंत्री लालसाव्ता एजल पूर्व-2 की सीट पर, वन मंत्री एच.रोहलुना लेंगतेंग से और उत्तरी लंगलेई से राज्य के समाज कल्याण मंत्री पी.सी. लालथानलियाना जीत गए.
कांग्रेस तुईवाल, दक्षिणी तुईपुई, दक्षिणी लंगलेई, पलक,उत्तरी चंफाई, पश्चिमी लांगत्लाई, तुईरियाल, तवी और तुईचांग से भी जीत गई. हालांकि पर्यटन मंत्री एस. हियातो एमएनएफ के के. बेईछुआ से सइहा में हार गए. पार्टी एजल उत्तर-3, चालफिल्ह, हच्चेक, थोरांग और तुईचांग में आगे चल रही हैं. एमएनएफ ने सइहा और तुईकुम की सीटें जीत ली हैं और पार्टी लांग्तलेई पूर्व में आगे चल रही है. एमएनएफ को छोड़ दिया जाए तो मिजोरम डेमोक्रेटिक एलाइंस के दो अन्य घटकों एमपीसी और मारालैंड डेमोक्रेटिक फ्रंट के खाते खुलने अभी बाकी हैं.
दलीय स्थिति इस प्रकार है :
कुल सीटें | 40 |
परिणाम घोषित | 31 |
कांग्रेस | 27 |
एमएनएफ | 04 |
एमपीसी | 00 |
एमडीएफ | 00 |
ललथनहवला,मिजोरम में कांग्रेस का चेहरा
मिजोरम में कांग्रेस का चेहरा और चार बार के मुख्यमंत्री ललथनहवला राज्य की राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं और पिछले तीन दशक में सत्ता के गलियारों में आते जाते रहे हैं.
70 वर्षीय ललथनहवला राज्य के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विजय रथ पर सवार होकर पांचवीं बार मुख्यमंत्री की कुर्सी की तरफ बढ़ रहे हैं. 1984 में पहली बार इस पूर्वात्तर राज्य के मुख्यमंत्री बने ललथनहवला ने सेरछिप और ह्रांगतुरजू से चुनाव लड़ा था और आज आए नतीजों में उन्हें दोनों ही स्थानों से विजेता घोषित किया गया.
एक औसत सरकारी अधिकारी से प्रदेश कांग्रेस में शीर्ष स्तर तक पहुंचने की उनकी कहानी किसी परिकथा से कम नहीं है. कांग्रेस के पोस्टर ब्वाय के तौर पर उन्होंने हर चुनाव में पार्टी की जीत की ताबीर लिखी और 1987 में इस पर्वतीय क्षेत्र को राज्य का दर्जा दिए जाने के बाद से यहां कांग्रेस की हर जीत में अहम भूमिका निभाई. ललथनहवला ने कई प्रकाशनों में पत्रकार के तौर पर कार्य किया. वह मिजोरम पत्रकार संघ के संस्थापक अध्यक्ष हैं.
उन्होंने मिजो जिला परिषद में इंस्पैक्टर आफ स्कूल्स के कार्यालय में रिकार्डर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की और 1963-64 में सहायक के तौर पर असम को-आपरेटिव अपेक्स बैंक से जुड़ गए. इस दौरान उन्होंने ऐजल कालेज से स्नातक की अपनी पढ़ाई पूरी की. उस समय मिजोरम असम के तहत एक जिला परिषद हुआ करती थी और यहां अस्थिरता का माहौल था. ललदेंगा के नेतृत्व में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) पृथक राज्य के लिए संघर्ष कर रहा था.