नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए वित्त मंत्रीअरुण जेटली ने आज उन पर तथा आम आदमी पार्टी के नेताओं पर सार्वजनिक विमर्श का स्तर गिराने का आरोप लगाया और कहा कि पदों पर बैठे लोगों को अभद्रता करने का अधिकार नहीं मिला है.
दिल्ली की क्रिकेट संस्था डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार को लेकर केजरीवाल और आप नेताओं के लगातार आरोपों से घिरे वित्त मंत्री ने कहा कि दिल्लीमें आम आदमी पार्टी की सफलता से कांग्रेस पार्टी को यह भ्रम हो गया है कि अभद्रता से वोट आते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘माननीय मुख्यमंत्री ने दिल्ली विधानसभा के अंदर और बाहर प्रधानमंत्री तथा अन्य लोगों के बारे में जो बयान दिये, उनका क्या? अगर भारत सरकार का कोई पदाधिकारी इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करता तो देशभर में गुस्सा फूट जाता.’ जेटली ने फेसबुक पर टिप्पणी की, ‘‘पदों पर बैठे लोगों से संयम बरतने की अपेक्षा की जाती है. वे अशिष्ट नहीं हो सकते. उन्हें अभद्रता करने का अधिकार नहीं मिला है. अभद्र भाषा में राजनीतिक विमर्श को दबाया नहीं जा सकता. अभद्रता के साथ बोला गया झूठ सच की जगह नहीं ले सकता.’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या अभद्रता भारतीय राजनीति का नया नियम है?’ जेटली ने खुद ही जवाब देते हुए लिखा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि ऐसा नहीं है.’ केजरीवाल और अन्य आप नेताओं के खिलाफ दीवानी और आपराधिक मानहानि के मामले दर्ज कराने वाले जेटली ने कहा कि सार्वजनिक विमर्श को अशिष्टरूप देना कभी राजनीति का सुनहरा क्षण नहीं हो सकता.
जेटली ने कल एक व्याख्यान में कहा था कि भारत में राजनीतिक चर्चा अशिष्ट हो गयी है.
जेटली ने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार में बैठे लोगों और उनके समर्थकों ने राजनीतिक विमर्श का स्तर गिरा दिया है. वह ब्योरा नहीं देते और सामान्य झूठ पर भी पूरी तरह भरोसा करते हैं.’ केजरीवाल ने डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली सचिवालय पर सीबीआई के छापे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘कायर’ और ‘मनोरोगी’ कहा था.
उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले भाजपा के कुछ सदस्यों ने बयान दिये थे जिनसे पार्टी में भी इत्तेफाक नहीं जताया गया था.
जेटली के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने ऐसे नेताओं को चेतावनी दी थी और इस तरह के बयानों से बचने की सलाह दी थी.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘चेतावनी का नतीजा दिखाई दे रहा है.’