नयी दिल्लीः श्रम मंत्रालय के एक सर्वेक्षण के मुताबिक देश में शिक्षा का स्तर बढ़ने के साथ-साथ विभिन्न उम्र वर्गों में बेरोजगारी का दर भी बढ़ रहा है. देश के नीति निर्माताओं के लिए यह वाकई चिंता की स्थिति है.
चंडीगढ़ श्रम ब्यूरो के सर्वेक्षण पर आधारित ‘युवा रोजगार-बेरोजगारी परिस्थिति, 2012-13’ में यह बात सामने आयी है कि कम से कम स्नातक पूरा करने वाले तीन युवाओं में से एक बेरोजगार है. सर्वेक्षण में जो सबसे आश्चर्यजनक बात सामने आयी है वह है, जो लोग पढ़-लिख नहीं सकते अर्थात् जो लोग निरक्षर माने जाते हैं उनमें बेरोजगारी का दर सबसे कम 3.7 प्रतिशत ही है.
15 से 29 वर्ष आयु वर्ग में ग्रामीण इलाकों में स्नातक या उससे ज्यादा शिक्षा पाने वालों में बेरोजगारी का दर 36.6 प्रतिशत है जबकि शहरी इलाकों में बेरोजगारी का दर 26.5 प्रतिशत है. श्रम मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2012-13 में 15 से 24 वर्ष आयु वर्ग के बीच बेरोजगारी का दर 18.1 प्रतिशत है. 18 से 29 वर्ष आयु वर्ग के बीच बेरोजगारी का दर 13 प्रतिशत है.
मंत्रालय ने कहा कि 15 से 29 वर्ष आयु वर्ग के बीच के लोगों में ज्यादातर स्वरोजगार से जुड़े हैं या फिर अस्थाई कर्मचारी हैं.