नयी दिल्ली :भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली इकाई के उपाध्यक्ष विजय जौली द्वारा तहलका की पूर्व प्रबंध संपादक शोमा चौधरी के आवास की नेमप्लेट पर कालिख पोतने की निंदा करते हुए उसे असभ्य हरकत बताया और कहा कि तहलका की पूर्व पत्रकार के आवास के बाहर हुए प्रदर्शन से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने यहां संवाददाताओं से कहा, इस घटना से पार्टी का कोई संबंध नहीं है. मैं इसकी कभी अनुशंसा नहीं कर सकती. उन्होंने (जौली) मुझे और अरुण जी (जेटली) को ऐसा करने के बारे में संकेत दिया था. हमने उन्हें सख्ती के साथ मना किया था क्योंकि यह पार्टी की विचाराधारा के खिलाफ है तथा यह असभ्यता है.
उन्होंने कहा, हम सभ्य तरीके से अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं, लेकिन यहां सभ्य तरीके से विरोध नहीं किया गया. मैं इसकी निंदा करती हूं. क्या कार्रवाई करनी है, इस बारे में पार्टी अध्यक्ष फैसला करेंगे.पार्टी के पूर्व अध्यक्ष एवं दिल्ली प्रभारी नितिन गडकरी ने भी इसकी निंदा करते हुए कहा कि पार्टी इस बारे में जौली से बात करके कार्रवाई करेगी. भाजपा के दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हर्ष वर्धन ने भी इस घटना की आलोचना की है.
जौली ने शोमा के आवास की नेमप्लेट पर कालिख पोतकर उस पर अंग्रेजी भाषा का एक्यूज्ड (आरोपी) शब्द लिख दिया. उन्होंने शोमा की कार पर भी चढ़ने का प्रयास किया.न उत्पीड़न मामले में एक केंद्रीय मंत्री को लेकर दिये अपने कल के बयान पर कायम रहते हुए आज फिर आरोप लगाया कि तरुण तेजपाल को कांग्रेस पार्टी बचा रही है.
सुषमा ने आज दिल्ली भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, मैंने यह कहा था कि एक केंद्रीय मंत्री जिसकी तहलका में हिस्सेदारी है, वह तेजपाल को बचा रहा है. मैंने किसी का नाम नहीं लिया था. अब उन्होंने (सिब्बल) खुद को इस फ्रेम में डाल लिया और मीडिया के सामने आकर बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा, मैंने पहले भी कहा था और आज फिर कहती हूं कि भाजपा तेजपाल को गलत नहीं फंसा रही है, बल्कि कांग्रेस उन्हें बचा रही है.
यह बात मैं पूरी जिम्मेदारी से कहना चाहती हूं. यह पूछे जाने पर कि वह किस मंत्री की ओर इशारा कर रही थीं, उन्होंने कहा, समझने वाले समझ गये, जो ना समझे वो अनाड़ी है. इससे पहले सिब्बल ने पत्रकारों से बातचीत में तेजपाल को बचाने के भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न के इस मामले में कानून को अपना काम करने देना चाहिए.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा ने कल ट्वीट कर कहा था कि तहलका में हिस्सेदारी रखने वाला एक केंद्रीय मंत्री तहलका पत्रिका के संपादक तेजपाल को बचा रहा है. तेजपाल पर एक पूर्व सहकर्मी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. यह कथित घटना गोवा की है. गुजरात में एक लड़की की कथित जासूसी के मामले की पृष्ठभूमि में सिब्बल की ओर से सुषमा और अरुण जेटली पर निशाना साधे जाने तथा गुजरात सरकार की जांच पर सवाल खड़े किए जाने के बारे में पूछे जाने पर सुषमा ने कहा, इस मामले की जांच शुरु हो गयी है. अगर जांच पर सवाल ही खड़े करना है तो फिर आप जांच की मांग क्यों करते हैं.