नयी दिल्ली : भारतीय वायु सेना को 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए हुआ 3,600 करोड़ रुपये का सौदा निरस्त होने की आशंका के बीच कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड ने आज यहां इस बात से इनकार किया कि उसने आईएएफ के साथ हुए सौदे के किसी भी अनुबंधीय दायित्व का उल्लंघन किया था.
कंपनी ने यहां एक बयान में कहा अगस्ता वेस्टलैंड अनुबंध और उससे पहले हुए करार के उल्लंघन के सभी आरोपों को खारिज करती है. बयान में कहा गया है (हम) भारत के रक्षा मंत्रालय द्वारा उठायी गयी आपत्तियों पर औपचारिक लिखित जवाब देंगे. यह बयान, रक्षा मंत्री ए के एंटनी के यह कहने के बाद आया है कि कंपनी ने करार के नियमों को तोड़ा है जिसकी वजह से सरकार ने इसके खिलाफ कार्रवाई शुरु कर दी है.
कंपनी ने कहा कि कथित हेलीकॉप्टर घोटाले में अपनी भूमिका को लेकर रक्षा मंत्रालय द्वारा उठाए गए सवालों पर औपचारिक लिखित जवाब वह आज देगी.आरोप हैं कि भारतीय एजेंटों को 300 करोड़ रुपये से अधिक की दलाली दी गयी ताकि वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों का ठेका अगस्ता वेस्टलैंड को मिल सके.
कंपनी को सौदा निरस्त करने के लिए अंतिम कारण बताओ नोटिस पहले ही जारी किया जा चुका है और उसे 26 नवंबर तक मंत्रालय को जवाब देना है.रक्षा मंत्रालय ने 21 अक्तूबर को कंपनी को कारण बताओ नोटिस भेजा था और 11 नवंबर तक 21 दिन में जवाब देने को कहा था. लेकिन अगस्तावेस्टलैंड ने मंत्रालय के साथ मुलाकात करने की मांग की थी तथा नोटिस का जवाब देने के लिए और पंद्रह दिन का समय ले लिया था.
मंत्रालय ने अपने नोटिस में कंपनी से यह बताने को कहा था कि 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए करार और अनुबंध की शतोंर् का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ करार को निरस्त करने समेत निर्दिष्ट कोई कार्रवाई या सभी कार्रवाइयां क्यों नहीं की जायें.
रक्षा मंत्रालय ने पहले कंपनी के अनेक कई अनुरोधों के बावजूद उसके अधिकारियों से मिलने से मना कर दिया था.अगस्तावेस्टलैंड ने भी रक्षा मंत्रालय की कार्रवाई के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरु की है.