नयी दिल्ली : अनुसंधान एवं विकास पर निजी कंपनियों द्वारा किए जाने वाले निवेशक को बहुत कम बताते हुए इस पर आज अफसोस जताया और कहा कि कहा कि इस काम पर निवेश बढाने से उद्योग व समाज दोनों लाभान्वित होंगे.
मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री शशि थरुर ने यहां 9वें फिक्की उच्च शिक्षा सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद उद्योगपतियों से कहा, ‘‘ भारतीय कंपनियां अनुसंधान के क्षेत्र में अधिक ध्यान क्यों नहीं दे रही हैं. आप हमारे विश्वविद्यालयों में अनुसंधान पर धन क्यों खर्च नहीं कर रहे हैं.’’ हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि अनुसंधान के क्षेत्र में निजी क्षेत्र का योगदान इस क्षेत्र में खर्च की जा रही कुल रकम का केवल एक चौथाई है. भारत जीडीपी का केवल 0.9 प्रतिशत अनुसंधान एवं विकास पर खर्च करता है. यह चीन, ब्रिटेन और यहां तक कि इस्रायल से भी कम है.
निवेशकों एवं शिक्षाविदें को संबोधित करते हुए थरुर ने कहा, ‘‘ जिन चुनौतियों के बारे में हम अक्सर बात करते हैं वह यह है कि हमारे देश में अनुसंधान एवं विकास पर 80 प्रतिशत खर्च सरकार द्वारा किया जाता है.’’‘‘ वहीं दूसरी ओर, पश्चिमी देशों में अनुसंधान एवं विकास का 75 प्रतिशत खर्च निजी क्षेत्र की ओर से किया जाता है.’’ हालांकि, निजी निवेशकों ने कहा कि वे अनुसंधान एवं विकास में खर्च करने के इच्छुक हैं, लेकिन सरकार को उद्योग एवं शैक्षणिक संस्थानों के बीच विश्वास बहाल करना चाहिए.