18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

तय हो नौकरशाहों का कार्यकाल

नयी दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसले में निर्देश दिया कि नौकरशाहों का न्यूनतम कार्यकाल सुनिश्चित हो. इनकी पदोन्नति तथा ट्रांसफर के बारे में बोर्ड निर्णय करे. कोर्ट ने नौकरशाही को राजनीतिक आकाओं के चंगुल से मुक्त करने और सरकार के इशारे पर नहीं चलनेवाले प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले की प्रवृत्ति पर रोक […]

नयी दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसले में निर्देश दिया कि नौकरशाहों का न्यूनतम कार्यकाल सुनिश्चित हो. इनकी पदोन्नति तथा ट्रांसफर के बारे में बोर्ड निर्णय करे. कोर्ट ने नौकरशाही को राजनीतिक आकाओं के चंगुल से मुक्त करने और सरकार के इशारे पर नहीं चलनेवाले प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले की प्रवृत्ति पर रोक के लिए महत्वपूर्ण निर्देश दिये हैं. प्रशासनिक अफसरों की जवाबदेही में गिरावट पर चिंता व्यक्त करते हुए जस्टिस केएस राधाकृष्णन व जस्टिस पीसी घोष की पीठ ने कहा कि नौकरशाह वरिष्ठ अफसरों व राजनेताओं के मौखिक आदेशों पर कार्रवाई नहीं करें.

इससे ‘पक्षपात व भ्रष्टाचार’ की गुंजाइश बढ़ती है. यह सूचना के अधिकार कानून के तहत नागरिकों को प्रदत्त अधिकारों को भी निष्फल बनाता है. नौकरशाही के कामकाज में व्यापक सुधार के सुझाव देते हुए जजों ने केंद्र, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि तीन महीने के भीतर प्रशासनिक अधिकारियों के लिए न्यूनतम कार्यकाल का प्रावधान करने के बारे में उचित निर्देश जारी किये जायें.

मौखिक आदेश पर कार्रवाई न करें नौकरशाह

राजनीतिक हस्तक्षेप को नौकरशाही में गिरावट का मुख्य कारण बताते हुए शीर्ष कोर्ट ने कहा कि नौकरशाहों को राजनीतिक नेताओं के मौखिक आदेशों पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए. उन्हें सभी आदेशों पर कार्रवाई नेता से मिले लिखित संवाद के आधार पर करनी चाहिए.

‘‘बार-बार तबादला सुशासन के लिए हानिकारक है. न्यूनतम कार्यकाल से प्रभावी तरीके से सेवा सुनिश्चित करने के साथ ही कार्यक्षमता भी बढ़ेगी. वे समाज के गरीब तथा सीमांत वर्गो के लिए किये जा रहे तमाम सामाजिक और आर्थिक उपायों को लागू करने की प्राथमिकता निर्धारित कर सकते हैं.

याचिका में क्या : नौकरशाहों को सभी स्तरों पर, एक पद पर कम से कम तीन साल का निर्धारित कार्यकाल दिया जाये त्ननौकरशाहों को जवाबदेह, संवेदनशील और सक्रिय बनाया जाये, तो चहुंमुखी फायदे होंगे –तबादले किसी के सनकीपन या स्थानीय नेता की जरूरत न अन्य हितों के अनुसार होते हैं

याचिकाकर्ता : अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत आबिद हुसैन, पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एन गोपालस्वामी, पूर्व निर्वाचन आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति, पूर्व आइपीएस वेद प्रकाश मारवाह व पूर्व सीबीआइ निदेशक जोगिंदर सिंह तथा डीआर कार्तिकेयन.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें