नैनीताल : उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पतंजलि योगपीठ के एक पूर्व कर्मचारी का अपहरण करने और उसे बंधक बनाकर मारपीट करने के आरोपी योग गुरु बाबा रामदेव के भाई रामभरत की गिरफ्तारी पर आज रोक लगा दी.सरकारी वकील एएस गिल ने बताया कि न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की एकलपीठ ने शिकायतकर्ता द्वारा न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर पुलिस के दबाव में आकर योगगुरु रामदेव के भाई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने संबंधी हलफनामा दायर किये जाने के बाद रामभरत की गिरफ्तारी पर रोक का आदेश जारी किया.
गिल ने बताया कि शिकायतकर्ता ने अपने हलफनामे में कहा कि उसने पुलिस के दबाव में आकर रामभरत के खिलाफ अपने 26 वर्षीय पोते नितिन त्यागी का अपहरण करने और उसे बंधक बनाकर मारपीट करने का मामला दर्ज कराया था.उन्होंने कहा कि स्वयं पीड़ित नितिन त्यागी ने भी अपने वकील के जरिये एक हलफनामा दायर किया और कहा कि उसका किसी ने भी अपहरण नहीं किया था. हालांकि उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी से राहत देते हुए रामभरत को इस मामले में पुलिस जांच में सहयोग करने का भी निर्देश दिया.
पिछले सप्ताह हरिद्वार की एक अदालत ने मामले में रामदेव के छोटे भाई के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था और तब से पुलिस रामभरत की तलाश कर रही थी. रामभरत के खिलाफ हरिद्वार के कनखल थाने में पतंजलि योगपीठ के पूर्व कर्मचारी त्यागी का अपहरण करने और उसे बंदी बनाकर मारपीट करने के आरोप में मामला दर्ज है.