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दिनभर चला ड्रामा पर नहीं रोक पाये कसूरी की किताब का विमोचन

मुंबई/नयी दिल्ली : पाकिस्तानी हस्तियों के खिलाफ आक्रामकता से अपना अभियान बढाते हुए शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की किताब के विमोचन का कार्यक्रम रद्द नहीं करने के लिए सोमवार को थिंकटैंक ओरआरएफ के प्रमुख सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोत दी. इस घटना की राजनीतिक पार्टियों ने […]

मुंबई/नयी दिल्ली : पाकिस्तानी हस्तियों के खिलाफ आक्रामकता से अपना अभियान बढाते हुए शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की किताब के विमोचन का कार्यक्रम रद्द नहीं करने के लिए सोमवार को थिंकटैंक ओरआरएफ के प्रमुख सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोत दी. इस घटना की राजनीतिक पार्टियों ने कडी निंदा की है. हालांकि हिंसक विरोध प्रदर्शन से अविचलित आयोजकों ने अपना कार्यक्रम पूरा किया. शिवसेना ने विरोध प्रदर्शन को ‘हल्का’ बताया है.इस मामले में पुलिस ने 6 शिव सैनिको को गिरफ्तार किया है.

शिवसेना के कार्यक्रम बाधित करने की धमकी के बाद कडी सुरक्षा के बीच कार्यक्रम का आयोजन किया गया. आयोजकों में विदेश नीति से जुडा थिंक टैंक ओआरएफ :ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन: शामिल था. कुछ शिवसैनिकों के एक समूह ने सोमवार को सुबह कुलकर्णी की कार को माटुंगा में उनके घर के पास घेर लिया और उनके चेहरे पर कालिख पोत दी. अविचलित कुलकर्णी ने हालांकि कहा कि वह इस तरह के कृत्यों से नहीं ‘डरेंगे’ और कसूरी की किताब ‘नीदर अ हॉक नॉर अ डव’ के विमोचन कार्यक्रम आयोजित करेंगे.

उन्होंने सोमवार शाम को मुंबई के नेहरु सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में शुरुआती संबोधन में कहा, ‘‘यह सहिष्णुता और विविधता के मूल्यों को बचाने के आपके संकल्प को, हमारे संकल्प को और हमारे साझा संकल्प को, लाखों मुंबइकरों के संकल्प को दर्शाता है.” उन्होंने कहा, ‘‘मुझे मराठी होने पर, मुंबई पर अत्यंत गर्व है. मुंबई महाराष्ट्र का है लेकिन उससे पहले यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शहर है. यह सहनशील, समावेशी, उदार, लोकतांत्रिक और कई आस्थाओं वाला शहर है.”

दूसरी तरफ कसूरी ने शहर में अपने प्रवास के दौरान ‘बेहतरीन सुरक्षा’ उपलब्ध कराने के लिए अपनी ओर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस का आभार जताया. कुलकर्णी के साथ हुई घटना की भाजपा समेत राजनीतिक दलों ने एक सुर में निंदा की लेकिन शिवसेना ने कार्रवाई का बचाव किया. भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने विरोधी नजरिए के प्रति देश में ‘बढती असहिष्णुता’ पर चिंता जतायी. उन्होंने दिल्ली में कहा, ‘‘ जो कुछ हुआ, मैं उसकी कडी निंदा करता हूं. पिछले कुछ दिनों में यह संकेत मिल रहे थे. जब कोई व्यक्ति या उसका वैचारिक रुख स्वीकार्य नहीं होता तो आप उनके प्रति हिंसा का सहारा लेते हैं या असहिष्णु बन जाते हैं.” लेकिन शिवसेना ने इसे जायज ठहराते हुए इसे विरोध का ‘बहुत हल्का’ तरीका बताया.

पार्टी नेता संजय राउत ने कहा, ‘‘कालिख पोतना लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन का बहुत हल्का तरीका है. हमें नहीं पता कि स्याही पोती गयी या कालिख पोता गया. कोई पहले से नहीं बता सकता कि जनता का गुस्सा कैसे फूटेगा.”

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