मुंबई : भारतीय जनता पार्टी की सबसे लंबे समय से राजनीतिक साथी रही शिवसेना समय समय पर उस पर सवाल उठाते रहती है. शिवसेना ने अब अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से नरेंद्र मोदी सरकार की इच्छाशकि्त पर सवाल उठाया है. पार्टी ने सामना में लिखा है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को पाकिस्तान के अंदर घुसकर मुंहतोड़ जवाब देने की आवश्यकता है और इसके लिए मनोबल विदेश से उधार नहीं लिया जा सकता.
मालूम हो कि सोमवार को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के चार जवान शहीद हो गये. जवानों की शहादत पर देश में शोक व पाकिस्तान के प्रति गुस्सा है.
सामना ने लिखा है अब तो हिम्मत दिखाओ शीर्षक से लिखे संपादकीय में लिखा है कि सैनिकों का बलिदान देश को बेचैन और अस्वस्थकररहा है. सरकार को कर रहा होगा, लेकिन शहीद जवानों के ताबूतों पर पुष्पचक्रअर्पित करने में कौन सी मर्दानगीहै.शिवसेनानेसामनामें लिखा है,हिंदुस्तान में तीनों सेना दल जबरदस्त सक्षम हैं, फिर चाहे वायुसेना हो या फिर नौसना हो, हमारी सेनाओं के सामर्थ्य की पुषि्टवायुसेनाप्रमुख अनूपशाह ने की है.
शिवसेना ने अपने पत्र में म्यांमार जैसी सैन्य कार्रवाई की मांग करते हुए लिखा है कि हमारे वायुसेना प्रमुख कहते हैं कि हमें सिर्फ राजकीय आदेश की आवश्यकता है. शिवसेना ने सामना में पूछा है कि आखिर मनोबल कहां से लाया जाये. यह अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी व ब्रिटेन से उधर तो लायी नहीं जा सकता है.
सामना ने लिखा है कि एक बार पाकिस्तान की सेना में घुस कर हमेशा के लिए उसका बंदोबस्त कर दिया जाये. आगे लिखा गया है कि भारत की लड़ाई पाकिस्तानी सेना से न होकर पाकिस्तान द्वारा भेजे गये प्रशिक्षित आतंकियों से हो रहा है, लेकिन वह हम पर भारी पड़ रहे हैं.
पत्र ने लिखा है कि पाकिस्तान के बयानों का हम मजाक उड़ाते हैं और अपनी सेना के सामर्थ्य की चर्चा करते हैं, लेकिन हम बड़ी कीमत उसकी चुका रहे हैं. पाक अधिकृत कश्मीर में भारत विरोधी आतंकी कैंप चलाये जा रहे हैं.