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दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के बाद मनमोहन स्वदेश रवाना

जकार्ता :प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों इंडोनेशिया और ब्रुनेई की अपनी चार दिवसीय यात्रा के बाद शनिवार को स्वदेश रवाना हो गये.इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने ब्रुनेई और इंडोनेशिया के साथ द्विपक्षीय वार्ता की जिसमें इन दोनों देशों के साथ आर्थिक, राजनैतिक, सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में बेहतर संबंध स्थापित करने पर […]

जकार्ता :प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों इंडोनेशिया और ब्रुनेई की अपनी चार दिवसीय यात्रा के बाद शनिवार को स्वदेश रवाना हो गये.इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने ब्रुनेई और इंडोनेशिया के साथ द्विपक्षीय वार्ता की जिसमें इन दोनों देशों के साथ आर्थिक, राजनैतिक, सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में बेहतर संबंध स्थापित करने पर जोर दिया गया.

भारत और इंडोनेशिया के बीच रक्षा, नौवहन जैसे क्षेत्रों में सहयोग विस्तारित होगा तथा सुरक्षा सहयोग के लिए एक वृहद कार्य योजना विकसित की जाएगी.इंडोनेशिया में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा और मुख्य सतर्कता आयुक्त प्रदीप कुमार तथा अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल थे.

मनमोहन ने यहां पर कालीबाता हीरोज कब्रिस्तान में श्रद्धांजलि अर्पित की. प्रधानमंत्री का मेदेकेरा महल प्रांगण में राजकीय स्वागत किया गया. उन्होंने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुसीलो बामबांग योधोहोनो के साथ अपनी बैठक से पहले वहां पर अतिथि पुस्तिका में टिप्पणी भी लिखी.गत रात योधोहोनो और उनकी पत्नी अनी बामबांग योधोहोनो ने नेगारा महल में मनमोहन और उनके प्रतिनिधिमंडल के लिए एक राजकीय भोज का आयोजन किया.

अधिकारियों ने कहा कि आसियान और अन्य एशियाई देशों के साथ संबंध अब अधिक रणनीतिक साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं तथा सहयोग आर्थिक मुद्दों से आगे सुरक्षा, रक्षा, गुप्तचर साझेदारी आदि जैसे क्षेत्रों में विस्तारित हुआ है.

सेवाओं और निवेशों में मुक्त व्यापार समझौते पर इस वर्ष के हस्ताक्षर होने और जुलाई 2014 तक लागू होने के बाद व्यापार के क्षेत्र में संबंधों में भी कई गुना की बढ़ोतरी होगी.अधिकारियों ने दोनों देशों में मनमोहन की बैठकों के बारे में कहा कि आसियान नेता अब उम्मीद करते हैं कि भारत के साथ सुरक्षा आयाम सहयोग मजबूत होगा.

विभिन्न नेताओं ने नौवहन सुरक्षा मुद्दे पर चर्चा की तथा जिन अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ने की उम्मीद है उनमें आतंकवाद से मुकाबले के उपाय, गैर परंपरागत सुरक्षा खतरे तथा आपदा शमन एवं प्रबंधन शामिल हैं.भारत ने दक्षिण चीन सागर विवाद पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि वहां पर नौवहन की स्वतंत्रता अंतरराष्ट्रीय नियमों के आधार पर होनी चाहिए तथा आचार मानदंड संहिता के नियम जल्द स्वीकार करके मुद्दे का समाधान जल्द निकलना चाहिए.

इस मुद्दे पर चीन द्वारा एक अलग रुख अख्तियार करने के बारे में पूछे जाने पर अधिकारियों ने कहा कि अन्य देशों का चाहे कोई भी विचार क्यों ना हो, भारत अपनी स्थिति को लेकर बहुत स्पष्ट है.संप्रभुता के मुद्दे पर देशों के बीच निश्चित रुप से कुछ मतभेद हैं लेकिन भारत अपने इस रुख पर दृढ़ है कि इन मुद्दों का समाधान अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत सलाह मशविरे से होना चाहिए.

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