21.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दोषी ठहराये जाने पर याकूब ने कहा, निर्दोषों को आतंकवादी कहा जा रहा है

मुंबई : मुम्बई में 1993 के सिलसिलेवार बम विस्फोटों में हाथ होने के लिए जब टाडा अदालत ने 12 सितंबर 2006 को याकूब मेमन को दोषी करार दिया था तब वह गुस्से से फट पडा था और उसने कहा था कि निर्दोष लोगों को आतंकवादी कहा जा रहा है. याकूब को आज सुबह फांसी दे […]

मुंबई : मुम्बई में 1993 के सिलसिलेवार बम विस्फोटों में हाथ होने के लिए जब टाडा अदालत ने 12 सितंबर 2006 को याकूब मेमन को दोषी करार दिया था तब वह गुस्से से फट पडा था और उसने कहा था कि निर्दोष लोगों को आतंकवादी कहा जा रहा है. याकूब को आज सुबह फांसी दे दी गई.

याकूब ने टाडा अदालत के फैसले को सुनने के बाद कहा था, ‘हम इस बहस में वकीलों को नहीं लगाना चाहते कि सजा कितनी हो. 13 वर्ष गुजर गये और निर्दोष लोगों को आतंकवादी कहा जा रहा है.’ उसने कहा था, ‘हम पर पहले ही आतंकवादी होने का ठप्पा लगाया जा चुका है और हम इसके परिणाम का सामना करेंगे.’ इस मामले में फरार टाइगर मेमन के छोटे भाई याकूब ने यह बात तब कही थी जब न्यायाधीश पी डी कोडे ने उसे उसके भाइयों इसा और युसूफ के साथ दोषी ठहराया.

पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट 53 वर्षीय याकूब अन्य आरोपियों से अलग रहता था लेकिन फैसले के दिन वह अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सका और चिल्लाते हुए कहा कि वह बम धमाकों के लिए जिम्मेदार नहीं है. एक अन्य घटना में याकूब ने एक दिन न्यायाधीश के सामने अपना आपा खो दिया था. तत्कालीन टाडा न्यायाधीश जे एन पटेल के समक्ष आपा खो कर बदहवास हालत में उसने कहा था, ‘टाइगर मुझे सही कहता था कि परिवार के साथ मुझे भारत नहीं जाना चाहिए क्योंकि हमें शिकार बनाया जाएगा.

न्यायाधीश ने याकूब को बम विस्फोटों की साजिश रचने तथा सह आरोपी मूलचंद शाह और कंपनी मेसर्स तिजारत इंटरनेशनल के माध्यम से विस्फोटों के लिए धन मुहैया कराने का दोषी ठहराया था. कंपनी मेसर्स तिजारत इंटरनेशनल याकूब के भाई अयूब मेमन की है जो फरार है. याकूब पर उन सह आरोपियों को टिकट मुहैया कराने का भी आरोप है जो हथियारों और गोलाबारुद का प्रशिक्षण लेने के लिए दुबई होते हुए पाकिस्तान भेजे गये थे. उस पर वाहनों की खरीदी करने और उन पर विस्फोटक लगा कर विस्फोट के लिये उनका उपयोग करने का भी आरोप है.

देश की वाणिज्यिक राजधानी में 12 मार्च 1993 को एक के बाद एक हुए 13 विस्फोटों में 257 लोग मारे गये थे, 713 घायल हुये थे और 27 करोड रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था. इस मामले की सुनवाई 30 जून 1995 को शुरू हुई और सबूत के 13,000 पन्ने रिकॉर्ड किये गये. सीबीआइ ने 686 गवाहों से पूछताछ की जिनमें दो सरकारी गवाह भी थे जिन्होंने षड्यंत्र का खुलासा किया था.

सीबीआइ ने आरोपपत्र में दावा किया कि विस्फोटों का मास्टरमाइंड अपराध जगत का सरगना दाउद इब्राहिम था जिसकी मदद उसके सहयोगियों टाइगर मेमन और मोहम्मद दोसा ने की थी. यह साजिश कथित तौर पर विवादित बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला लेने के लिये पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की ओर से रची गई थी. दाउद, टाइगर और दोसा फरार हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें