भिखीविंड (तरनतारन): पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने आज कहा कि केंद्र की संप्रग सरकार ने अगर समय पर मेहनत की होती तो सरबजीत को बचाया जा सकता था.
सरबजीत सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए जुटे लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य विधानसभा ने चार बार प्रस्ताव पास किया और केंद्र को भेजा जिसमें अपील की गई कि सरबजीत की यथाशीघ्र रिहाई के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं लेकिन केंद्र ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया.
सरबजीत के परिवार को एक करोड़ रुपये का चेक सौंपते हुए उन्होंने कहा, ‘‘बहरहाल पूरा देश और खासकर पंजाब संकट की इस घड़ी में सरबजीत सिंह के परिवार के साथ है.’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि सरबजीत सिंह शहीद हैं जिन्हें भारतीय होने के कारण पाकिस्तानी जेल में बहुत पीड़ा सहनी पड़ी.उन्होंने घोषणा की कि सरबजीत की बड़ी बेटी स्वप्नदीप कौर को राज्य सरकार में नायब तहसीलदार के रुप में भर्ती किया जाएगा और छोटी बेटी पूनम को शिक्षिका का पद दिया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रिपरिषद् की अगली बैठक में इन पदों को कैबिनेट की मंजूरी दे दी जाएगी.’’सरबजीत की रिहाई के लिए उसके परिवार द्वारा किए गए प्रयास की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके सम्मिलित प्रयास के कारण पूरे देश ने सरबजीत की रिहाई के लिए प्रार्थना की जिसने पाकिस्तान की जेल में 23 वर्ष से ज्यादा बिताए.
पाकिस्तानी जेल में बंद अन्य भारतीय कैदियों की रिहाई का प्रयास करने का संकल्प लेने के लिए सरबजीत की बहन दलबीर कौर की प्रशंसा करते हुए बादल ने कहा कि राज्य सरकार उन्हें पूर्ण समर्थन और सहयोग देगी.