नयी दिल्ली : आप के कुछ विधायकों द्वारा भत्तों में बढोतरी की मांग किये जाने के एक दिन बाद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली यह पार्टी आज इस मामले पर बंटी प्रतीत हुई. आप के वरिष्ठ नेता एवं उसकी राजनीतिक मामलों की कमेटी (पीएसी) के सदस्य संजय सिंह ने कहा कि ऐसे में जब देश में किसान आत्महत्या कर रहे हैं, भत्तों में बढोतरी की मांग करना उचित नहीं है. सांसदों की वेतन वृद्धि के प्रस्ताव की भी आलोचना कर चुके सिंह ने कहा, ‘देश में जब इतने किसान आत्महत्या कर रहे हैं, ऐसे में वृद्धि की मांग करना अनुचित है.’
निष्कासित नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण का खुले तौर पर पक्ष लेने वाले आप के एक अन्य विधायक पंकज पुष्कर ने कहा, ‘किसी विधायक का कार्यालय कोई कॉफी हाउस नहीं. बढोतरी की मांग करना पूरी तरह से अनुचित है. समाज के विभिन्न वर्ग अलग-अलग तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं.’ वहीं दूसरी ओर दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने बढोतरी की मांग तो नहीं की लेकिन इस पर जोर दिया कि विधायकों को आर्थिक भत्तों की बजाय अन्य सेवाएं मुहैया करायी जाएं.
सांसदों के वेतन के बारे में फैसले के लिए स्वतंत्र प्रणाली होनी चाहिए : योगेंद्र यादव
स्वराज अभियान नेता योगेंद्र यादव ने आज कहा कि सांसदों के वेतन के बारे में फैसला करने के लिए एक स्वतंत्र प्रणाली होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने सांसदों के वेतन और भत्तों में वृद्धि के प्रस्ताव का विरोध किया. यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘सांसद वेतन में नहीं भत्तों में वृद्धि चाहते हैं क्योंकि भत्तों पर कर नहीं लगता. यह निर्वाचित सदस्यों का स्पष्ट रूप से इरादा प्रदर्शित करता है.’ उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि सांसद अपने वेतन और भत्तों में वृद्धि के लिए खुद ही प्रस्ताव कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इससे भी चौंकाने वाली बात है कि सांसद संसद सत्र में शामिल होने के लिए भत्ते लेते हैं. यादव ने कहा कि वह संसद के निर्वाचित सदस्य हैं और सत्र में शामिल होने के लिए कर्तव्य से बंधे हुए हैं. उन्होंने कहा कि एक निर्धारित मापदंड होना चाहिए और सांसदों के वेतन से जुडे मुद्दों के बारे में फैसला करने के लिए एक स्वतंत्र प्रणाली होनी चाहिए.
ललित मोदी मामले का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंसरा राजे को न सिर्फ इस्तीफा देना चाहिए बल्कि ललित मोदी की मदद के बारे में खुलासा नहीं करने के निर्देश को लेकर मामला दर्ज किया जाना चाहिए.