नयी दिल्ली: भारतीय वायु सेना अपने बेड़े में सात और सी-17 भारी विमानों को शामिल करने के बारे में विचार कर रही है जिनमें तोप और टैंकों को चीन एवं पाकिस्तान की सीमाओं के करीब तक ले जाने की क्षमता है.
रक्षा मंत्राल की सैनिक समाचार पत्रिका को दिये इंटरव्यू में वायु सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और रुस के बीच संयुक्त उपक्रम के तहत 45 मध्यम परिवहन विमानों को भी खरीदने की योजना विचाराधीन है.’’ भारत अमेरिकी वायु सेना को 20,000 करोड़ रुपये की लागत में 10 सी-17 विमानों का ऑर्डर पहले ही दे चुका है और तीन ऐसे विमानों को यहां हिंडन वायुसेना केंद्र स्थित बेड़े में शामिल किया जा चुका है. सी-17 विमान में लद्दाख सेक्टर में स्थित दौलत बेग ओल्डी जैसे छोटे एयरफील्ड में उतरने की तथा 150 लड़ाकू जवानों को एक बार में 4,200 किलोमीटर तक ले जाने की क्षमता होती है.
एयर चीफ मार्शल ब्राउन ने कहा, ‘‘रक्षा मंत्रालय की मंजूरी के बाद साइबर कमान के लिए अंतरिम ढांचा तैयार किया जाएगा और सीसीएस की अनुमति के बाद ही पूरी तरह यह ढांचा आकार लेगा.’’ वायु सेना प्रमुख ने कहा कि प्रस्तावित साइबर कमान इस क्षेत्र में सुरक्षा के अन्य मौजूदा राष्ट्रीय ढांचों से पूरी तरह जुड़ा होगा. ब्राउन ने कहा कि आधुनिक उपकरणों और प्लेटफार्म को शामिल करने के साथ वायुसेना अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस हो गयी है.