भुवनेश्वर : ओडिशा सरकार ने सदियों पुराने ‘ब्रह्म परिर्वतन’ अनुष्ठान में देर होने की बात आज स्वीकार की और कहा कि वह इस गोपनीय समारोह को रिकार्ड करने के लिए मोबाइल फोनों का इस्तेमाल किये जाने के आरोपों की जांच कराएगी. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक सुरेश चंद्र महापात्रा ने कहा, ‘हां, देरी हुयी लेकिन ब्रह्म परिर्वतन के दौरान किसी रस्म का उल्लंघन नहीं हुआ.’
वरिष्ठ आइएएस अधिकारी महापात्रा ने इसके पहले प्रदेश के कानून मंत्री अरुण कुमार साहू से राज्य सचिवालय में मुलाकात की. उन्होंने कहा कि ब्रह्म परिर्वतन अनुष्ठान में देरी के लिए जिम्मेदार पाये जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह अनुष्ठान 15 जून की मध्यरात्रि में होना था लेकिन यह 16 जून को दिन में संपन्न हुआ.
महापात्रा ने करीब 80 पुजारियों द्वारा मोबाइल फोन ले जाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘मेरे पास सूचना है कि एक या दो लोग अपने साथ मोबाइल फोन ले गये थे. हम यह जांच करेंगे कि क्या उन्होंने गोपनीय अनुष्ठान को रिकार्ड करने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया.’
उन्होंने राज्य कांग्रेस नेताओं के आरोपों से इंकार नहीं किया कि भगवान जगन्नाथ का गोपनीय अनुष्ठान सोशल मीडिया के एक हिस्से में फैल हो गया. उन्होंने कहा, ‘हम इसकी विभिन्न पहलुओं से जांच करेंगे.’