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छत्तीसगढ पुलिस के जवान ने रक्तदान कर बचायी मलेरिया पीडिता महिला नक्सली की जान
रायपुर : छत्तीसगढ के एक जवान ने मिसाल पेश करते हुए अपना खून देकर एक महिला नक्सली की जान बचायी है. उस जवान ने यह पहल ऐसे समय में की है, जब यह धारणा देश में मजबूत है कि नक्सली हमेशा पुलिस के और पुलिस हमेशा नक्सली निशाने पर होते हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार, […]
रायपुर : छत्तीसगढ के एक जवान ने मिसाल पेश करते हुए अपना खून देकर एक महिला नक्सली की जान बचायी है. उस जवान ने यह पहल ऐसे समय में की है, जब यह धारणा देश में मजबूत है कि नक्सली हमेशा पुलिस के और पुलिस हमेशा नक्सली निशाने पर होते हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ पुलिस के जवान उपेंद्र ने जिस महिला नक्सली की जान बचायी है, वह पिछले कई सालों से नक्सली गतिविधि में संलग्न थी.
उसे मलेरिया और टाइफाइड हो गया था, जिसके कारण उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी. महिला नक्सली का नाम चिन्नी ओयामी बताया जाता है.
कुछ ही दिन पहले पुलिस को कहीं से सूचना मिली थी कि एक महिला नक्सली गंभीर रूप से बीमार होने के कारण शहर में इलाज के लिए भटक रही है. छानबीन के दौरान पुलिस को वह बीजापुर के अस्पताल में मिली. उसकी स्थिजि नाजुक थी और वह तेज बुखार से पीडित थी.
उसे नक्सली इलाज के लिए आंध्र प्रदेश भी ले गये, लेकिन तबीयत ठीक नहीं होने पर उसे उसके हाल पर छोड दिया गया. ऐसे में जवान उपेंद्र उसके लिए वरदान बन कर आये. एक पुलिस अधिकारी ने इस पहल को पुलिस की छवि इलाके में बदलने की कोशिश का हिस्सा बताया. महिला नक्सली के भाई का कहना है कि वह सलवा जुडूम आंदोलन के दौरान महिला नक्सलियों के संपर्क में आयी थी और उसी समय धीरे-धीरे उससे जुडती गयी. उसे संगठन में खाना बनाने व कुछ अन्य कार्यों की जिम्मेवारी दी गयी थी.
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