मुजफ्फरनगर : मुजफ्फरनगर दंगों के सिलसिले में कल गिरफ्तार किए गए भाजपा विधायक सुरेश राणा को आज स्थानीय अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया और अतंरिम जमानत के उनके आवेदन को खारिज कर दिया.
शामली जिले के थाना भवन से विधायक राणा को कल लखनउ में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें आज यहां अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट सुंदर लाल की अदालत में पेश किया गया , जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
राणा द्वारा दायर अतंरिम जमानत के आवेदन को अदालत ने खारिज करते हुए अगली सुनवाई 24 सितंबर निर्धारित की है.उत्तर प्रदेश पुलिस ने कल भाजपा विधायक राणा को लखनउ में गिरफ्तार किया था. मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के संबंध में यह पहली गिरफ्तारी थी. दंगा भड़काने के आरोप में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था.
मुजफ्फरनगर दंगों को भड़काने के लिये भड़काऊ भाषण देने के आरोप में नामजद विधायकों की गिरफ्तारी में हो रहे विलंब के कारण प्रदेश सरकार की आलोचना के बीच पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) राजकुमार विश्वकर्मा ने कल यहां कहा था कि सदन का सत्र जारी होने के कारण गिरफ्तारियां जानबूझ कर टाली जा रही थीं.
विश्वकर्मा ने बताया, लखनऊ पुलिस ने राणा की गिरफ्तारी, उनकी गिरफ्तारी के लिए जारी वारंट पर अमल के लिए मुजफ्फरनगर पुलिस की तरफ से आधिकारिक आग्रह के आधार पर की. उन्होंने बताया कि राणा के खिलाफ भादंसं की धारा 188 (जानबूझ कर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करना), 153ए (दो धार्मिक समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाना), 353 (दंगे भड़काने के लिए उकसाना) और 435( संपत्ति को क्षति पहुंचाना) के साथ ही सेवेन क्रिमिनल ला अमेंडमेंट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है, जो गैर जमानती है.