नयी दिल्ली: आंध्रप्रदेश का विभाजन कर पृथक तेलंगाना राज्य गठित किए जाने पर विरोध जताते हुए आज राज्यसभा में तेदेपा ने मांग की कि इस मुद्दे पर और राज्य के हालात पर विचार करने के लिए एक सर्वदलीय समिति गठित की जाए. शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए तेदेपा के सी एम रमेश ने कहा ‘‘पूरा आंध्रप्रदेश जल रहा है. पिछले 35 दिन से सभी शिक्षण संस्थाएं बंद हैं. सरकारी कर्मचारी कार्यालय नहीं जा रहे हैं. पृथक तेलंगाना राज्य गठित किए जाने के विरोध में लोग सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन सरकार इस मुद्दे की अनदेखी कर रही है और असंवेदनशील बनी हुई है.’’
उन्होंने अफसोस जताया कि राज्य में उसी तरह का आंदोलन चल रहा है जैसा स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुआ था लेकिन सरकार लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है. रमेश ने सदस्यों से अनुरोध किया कि वह वास्तविक स्थिति को महसूस करने के लिए आंध्रप्रदेश जाएं. उन्होंने कहा ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बयान दिया था कि इस मुद्दे पर विचार के लिए एक समिति गठित की जाएगी. लेकिन अब तेलंगाना के गठन की प्रकिया को शीघ्रता से आगे बढ़ाया जा रहा है. ’उन्होंने कहा कि वह आंध्रप्रदेश के लोगों की आवाज उठा रहे हैं और मांग करते हैं कि इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की जाए. संसद का मानसून सत्र पांच अगस्त से शुरु हुआ है और तब से ही रमेश और उनके पार्टी सहयोगी वाई एस आर चौधरी पृथक तेलंगाना राज्य गठित किए जाने पर विरोध जता रहे हैं. रमेश ने अपनी बात तेलुगु में रखी. उन्होंने कहा ‘‘मेरे राज्य के लोग यह देख रहे होंगे और उनकी खातिर मैं तेलुगु में बोलूंगा.’’पृथक तेलंगाना के मुद्दे पर सर्वदलीय समिति गठित करने की रमेश की मांग का विभिन्न दलों के सदस्यों ने समर्थन किया.